Uttarakhand tunnel latest news (राहुल प्रकाश): सिल्कयारी टनल में हादसे के बाद से केंद्र से लेकर राज्य और पुलिस से लेकर सेना की हर मशीनरी रेस्क्यू मिशन में जुटी हुई है। टनल निर्माण वाले इलाके में बड़ी बड़ी मशीनों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। 41 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद हो रही है। टनल में 41 मजदूरों को फंसे 15 दिन बीत चुके हैं। पिछले पंद्रह दिनों से मजदूरों से संपर्क बनाए रखने और उनकी सेहत दुरुस्त रखने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में तमाम तरह की हर उस कोशिश को अपनाया गया है जिससे जल्द से जल्द मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।
नरसिंहपुर से मंगाई गई मैग्ना कटर मशीन
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड ने होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान के लिए विजयवाड़ा के पास नरसिंहपुर से मैग्ना कटर मशीन भी मंगाई है।
जो 4000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पैदा करती है। सुरंग के भीतर फिलहाल प्लाज्मा कटर मशीन से ऑगर मशीन के बेकार हिस्से को काटकर निकाला जा रहा है। जरूरत पड़ी तो मैग्ना कटर का इस्तेमाल करने की भी तैयारी है। ऑगर मशीन के ब्लड को काटने में काफी मशक्कत हो रही है। मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए विशेष कंपनी के लोगों को बुलाया गया है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Vertical drilling underway at the site of the rescue of 41 workers. Eight metres of drilling work complete.
(Video: SJVN) pic.twitter.com/Ybm4lc5vQs
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 26, 2023
बर्मा मशीन को निकाल रहे हैं बचावकर्मी
जानकारी के मुताबिक बचाव अभियान में बर्मा की ऑगर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो मलबे के बीच से ड्रिलिंग कर रही है, लेकिन रास्ते में मेटल ब्लॉकेज आने पर इसका काम रुक जाता है, साथ ही कई बार बरमा मशीन में खराबी का सामना करना पड़ा है। बचावकर्मी अब बरमा मशीन को निकाल रहे हैं। इसके बाहर आने पर मैन्युअल ड्रिलिंग और वर्टिकल ड्रिलिंग के काम को पूरी तरह से शुरू शुरू किया जाएगा। ऑगर मशीन की ब्लेड टूटने के बाद स्पेयर मशीनों को भी मंगाया जा चुका है। जिससे किसी भी हाल में बचाव का काम एक सेकेंड के लिए भी ना रुके।
ये भी पढ़ेंः क्या है सिल्क्यारा Tunnel का रहस्य, जहां चल रहा Rescue Operation, जानें 15 दिन में क्या-क्या हुआ?
41 जिंदगियां बचाने की जद्दोजहद
मजदूरों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए दो पाइप लाइन तैयार की गई है। इसमें एक छह इंच का सप्लाई पाइप है जिससे खाना-पानी भेजा जा रहा है। तो दूसरे 4 इंच के सप्लाई पाइप से कैमरा अंदर भेजा गया है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को नाश्ते में दलिया और दूध दिया जा रहा है। जबकि खाने में आलू, सोयाबीन, बींस की सब्जी, रोटी, मूंग की दाल और चावल भेजा गया है।मजदूरों के पास टाइम पास करने और उन्हें व्यस्त रखने के लिए लूडो, ताश और शतरंज भेजे गए हैं। मजदूरों को तनाव मुक्त रखने के लिए उन्हें योग करने की सलाह दी जा रही है। सरकार मजदूरों तक BSNL के जरिए फोन भेज रही है जिससे वो लैंडलाइन से अपने घर वालों से बात कर सकें। वहीं मजदूरों को बाहर निकलने पर स्टैंडबाय में 4 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है।