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Uttarakhand News: महानिर्वाणी अखाड़े ने पहनावे पर की सख्ती; देवभूमि के मंदिरों में छोटे कपड़ों में नहीं मिलेगी एंट्री

Uttarakhand News: उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी कुछ मंदिरों में प्रवेश के लिए महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया है। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से इसके बारे में निर्देश जारी किए गए हैं। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि महिलाएं और लड़कियां 80 फीसदी […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jun 4, 2023 14:13
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Uttarakhand News: उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी कुछ मंदिरों में प्रवेश के लिए महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया है। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से इसके बारे में निर्देश जारी किए गए हैं। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि महिलाएं और लड़कियां 80 फीसदी शरीर ढक कर ही मंदिर में प्रवेश करें।

इन तीन मंदिरों में कम कपड़ों में प्रवेश वर्जित

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रविद्र पुरी ने कहा कि राज्य के तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। महानिर्वाणी अखाड़े के अंतर्गत आने वाले तीन मंदिरों में महिलाएं और लड़कियां छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं कर सकती हैं। इनमें हरिद्वार के कनखल में दक्ष प्रजापति मंदिर, पौड़ी में नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून में टपकेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं।

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महंत ने बताया आदेश का कारण

महंत रविंद्र पुरी ने मीडिया को बताया कि मंदिर में मर्यादा का पालन करने और संस्कृति को जिंदा रखने के लिए ये कदम उठाया गया है। उनका कहना है कि इनमें से किसी भी मंदिर में प्रवेश करने के लिए महिलाओं और लड़कियों का शरीर 80 फीसदी ढका होना अनिवार्य है। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि दक्षिण और महाराष्ट्र के मंदिरों में ये नियम लागू हो चुका है। कम कपड़े या छोटे कपड़े पहनने वाली लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

बालाजी धाम ने भी जारी किए थे निर्देश

बता दें कि पिछले महीने की 17 तारीख को ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्थित श्रीबालाजी धाम मंदिर की ओर से भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था। मंदिर के पुजारी आलोक शर्मा ने मीडिया को बताया था कि यहां हर जगह से भक्त आते हैं। चाहे पुरुष हों या महिला, युवा हों या बूढ़े। कोई भी हो, हम चाहते हैं कि वे सभी मर्यादापूर्ण तरीके से मंदिर आएं। उन्हें पहले अच्छी तरह से समझाया जाएगा, लेकिन अगर वे नहीं मानते हैं तो उन पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया जाएगा।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Jun 04, 2023 02:13 PM

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