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Joshimath Sinking: जोशीमठ के इस ज्योतिर्मठ में भी आई दरारें, लोगों का दावा- हजारों वर्ष पुराने पेड़ से गिर रहे हैं पत्ते

Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में आए दिन दरारों की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अब इलाके में कोई नई दरार नहीं देखी गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ के एक महत्वपूर्ण स्थान पर ज्योतिरेश्वर महादेव मंदिर (Jyotireshwar Mahadev temple) परिसर में दरारें देखी गई हैं। […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 31, 2023 12:39
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Joshimath Sinking, Jyotireshwar Mahadev temple

Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में आए दिन दरारों की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अब इलाके में कोई नई दरार नहीं देखी गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ के एक महत्वपूर्ण स्थान पर ज्योतिरेश्वर महादेव मंदिर (Jyotireshwar Mahadev temple) परिसर में दरारें देखी गई हैं। बताया जाता है कि यहां आदि शंकराचार्य ने ज्ञान प्राप्त किया था। वह 11 साल की उम्र में यहां आए थे और पांच वर्षों तक यहां रहे।

यहां स्थित पेड़ और मंदिर का काफी धार्मिक महत्व है

जानकारी के मुताबिक श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य ने कुछ दिन पहले ही इस स्थान का निरीक्षण किया था। मंदिर के पुजारी महिमानंद उनियाल ने रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि पेड़ और मंदिर का काफी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यहां दरारें पड़ना चिंता का विषय है।

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जोशीमठ के इस इलाके में है यह ज्योतिर्मठ

यह स्थान जोशीमठ नगर परिषद के मनोहर बाग क्षेत्र के वार्ड पांच में स्थित है। यहां कई घरों में दरारें आई हैं। उत्तराखंड सरकार के नवीनतम आंकड़े कहते हैं कि पिछले 30 दिनों में 863 इमारतों में दरारें आई हैं, जिनमें से 502 गंभीर स्थिति में हैं। शनिवार तक के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि दरार वाले ज्यादातर घर रविग्राम (161), गांधीनगर (156) और सिंगधर वार्ड (151) में हैं।

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यह हम सभी के लिए चिंता का विषय हैः ब्रह्मचारी मुकुंदानंद

इस मामले पर ज्योतिषपीठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिष्य ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि उनकी पारंपरिक गद्दी ज्योतिर्मठ में है। बता दें कि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में जोशीमठ संकट को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने बताया कि ज्योतिर्मठ में भी दरारें आ रही हैं। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है।

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लोगों का दावा, पहले कभी नहीं गिरे इस पेड़ के पत्ते

इस बीच यहां के स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यहां सदाबहार शहतूत का पेड़ है, जिसे हजारों साल पुराना बताया जाता है। लोगों ने इतना तक कहा कि उन्होंने पहले कभी इस पेड़ से पत्ते गिरते हुए नहीं देखे। यह एक अजीब घटना है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि पेड़ से पत्तों का गिरना असामान्य नहीं है।

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HISTORY

Written By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: Jan 30, 2023 08:05 PM
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