Uttarakhand Global Investors Summit 2023, देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लोगो और वेबसाइट को लॉन्च किया। आज देहरादून में आयारेजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (PKS Dhami) ने कहा कि इस बार इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए काफी सुधार करके नई नीतियों को भी लागू किया है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए 27 नीतियां प्रख्यापित की गई हैं, वहीं 6 हजार एकड़ में लैंड बैंक भी सरकार की तरफ से तैयार कर लिया गया है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट देहरादून में दिसम्बर माह में होने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं।
ध्यान रहे, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दिसम्बर माह में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रहा है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने तेजी के साथ इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। शनिवार को इसके लिए तैयार हो चुके लोगो और वेबसाइट के लॉन्चिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार, उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार सम्पर्क में है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून में और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों पर गौर करते हुए एमएसएमई पॉलिसी, सेवा क्षेत्र नीति, लॉजिस्टिक पॉलिसी और सोलर नीति में सुधार किया गया है।
शांति के साथ-साथ अब निवेश के लिए भी पहली पसंद बना उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों और निवेश के अनुकूल बने माहौल से उद्योगपतियों में बहुत उत्साह है। देवभूमि में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं, लेकिन देश-विदेश के लोगों के द्वारा यहां रुचि दिखाए जाने के चलते राज्य अब इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन का रूप भी ले चुका है। देवभूमि कहलाने वाले इस राज्य के नैचुरल इन्वायरनमेंट, प्रभावशाली सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण उत्तराखण्ड निवेश के लिये प्रमुख केंद्र बन रहा है। ईज आफॅ डूंईंग बिजनेस में उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यों में पहले और देशभर 9वें पायदान पर है।
निवेशक सम्मेलन पूरे उत्तराखंड के नागरिकों
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग पहले से उत्तराखण्ड में स्थापित हैं, उन्होंने भी अपना विस्तार करने की बात कही है। इन्वेस्टर्स समिट केवल उद्योग विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभाग इससे जुड़े हैं। असल में यह उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों का है। धानमंत्री मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का ही होगा। यह इसी दिशा में उठाया जा रहा बड़ा कदम साबित होगा। इससे राज्य में निवेश से रोजगार सृजन होगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और देश के विकास में उत्तराखण्ड प्रभावी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते बरसों के अनुभवों से सीखते हुए सुधार के बहुत से प्रयास किए गए हैं।
इस मौके पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो में उत्तराखंड की विशिष्टताओं को प्रदर्शित किया गया है। पर्यटन, योग, वैलनेस, सर्विस सेक्टर, कृषि और हॉर्टीकल्चर पर राज्य सरकार फोकस कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिए निवेश महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार करने का प्रयास कर रही है। कृषि और हॉर्टीकल्चर को प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिए भी नई नीति बनाई गई है।
इस समारोह में स्वागत भाषण अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने तो आभार प्रदर्शन सचिव विनय शंकर पाण्डे ने पढ़ा। इनके अलावा इस मौके पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, उद्योग विभाग के महानिदेशक रोहित मीणा, सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
उधर, डेस्टीनेशन उत्तराखंड-ग्लोबल समिट 2023 के लोगो की विशेषता यह है कि इसमें अंकित दो पर्वत शृखलाएं असीमित प्रगति का प्रतीक हैं, वहीं विकास की निरंतरता को भी दिखाता है। हरा रंग प्राकृतिक सुन्दरता और प्रकृति के साथ सामन्जस्य को दिखाता है, वहीं नीला रंग नए विचारों, नई आकांक्षाओं और नए अवसरों के लिए असीमित आकाश यानि खुले मंच को दर्शाता है। समिट की टैग लाइन पीस टू प्रोस्पेरिटी है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिए सिफ के लिए राज्य में ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in बनाई गई है।