---विज्ञापन---

UP में ‘स्वाद’ के लिए मार डाला ये दर्लभ प्रजाति का वन्यजीव, अब पुलिस-वन विभाग ने लिया बड़ा एक्शन

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Budaun) जिले में तीन लोगों ने एक ऐसे वन्यजीव का शिकार कर डाला कि पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह वन्यजीव भारत समेत कई देशों में दर्लभ प्रजातियों में शामिल है। पुलिस की ओर से बताया गया है कि आरोपियों ने मांस खाने […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 12, 2023 19:13
Share :

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Budaun) जिले में तीन लोगों ने एक ऐसे वन्यजीव का शिकार कर डाला कि पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह वन्यजीव भारत समेत कई देशों में दर्लभ प्रजातियों में शामिल है। पुलिस की ओर से बताया गया है कि आरोपियों ने मांस खाने के चक्कर में उसका शिकार किया था। तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।

बदायूं के इस गांव में किया शिकार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना बदायूं के दातागंज थाना क्षेत्र की है। आरोप है कि मांस के लिए तीन लोगों ने दुर्लभ भारतीय सेही (Rare Indian Porcupines) को मार डाला। शिकायत के आधार पर पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

जांच में सामने आया है कि मांस के लिए दो दुर्लभ भारतीय क्रेस्टेड सेही (हाइस्ट्रिक्स इंडिका) को मारा गया है। बदायूं पुलिस की ओर से बताया गया है कि घटना मंगलवार को दातागंज क्षेत्र के कसू नगला गांव में हुई। पुलिस ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गांव निवासी धर्मवीर, हरि सिंह और प्रमोद को मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया है।

सेही के अवशेषों को जांच के लिए भेजा

मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने सेही के अवशेष बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि उन अवशेषों को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। इलाके के वन रेंजर अमित कुमार सोलंकी ने बताया कि अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कुछ लोगों ने दुर्लभ सेही को मार डाला है। इसके बाद कार्रवाई की गई है।

इन देशों में पाया जाता ये दुर्लभ सेही

जानकारी के मुताबिक दुर्लभ भारतीय साही, गिलहरी के परिवार का सदस्य है, लेकिन शारीरिक तौर पर गिलहरी से ज्यादा विकसित है। ये वन्यजीव तुर्की, भूमध्य सागर से लेकर दक्षिण-पश्चिम, मध्य एशिया (अफगानिस्तान व तुर्कमेनिस्तान), दक्षिण एशिया (पाकिस्तान, भारत, नेपाल व श्रीलंका) और चीन में पाए जाते हैं।

इसके अलावा हिमालयी क्षेत्रों में 2400 मी तक की ऊंचाइयों पर भी इन्हें देखा जाता है। कम होती संख्या के कारण इन्हें दुर्लभ वन्य प्रजातियों में शामिल किया गया है।

First published on: Jan 12, 2023 07:13 PM
संबंधित खबरें