UP News: जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी डॉन बृजेश सिंह (Brijesh Singh) का मंगलवार को आमना-सामना हो सकता है। गाजीपुर जिले के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-4 (MP-MLA) की अदालत (Ghazipur Court) ने मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह को फिजिकली कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। इस दौरान कोर्ट में भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार को बांदा जेल से गाजीपुर लाए जाने से पहले उनके वकील लियाकत अली ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी देकर उनके लिए एंबुलेंस समेत उचित सुरक्षा कवर और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की। एक मीडिया रिपोर्ट में अधिवक्ता अली ने बताया कि बृजेश सिंह उसारीचट्टी मामले में दो बार अदालत में पेश हो चुके हैं।
मुख्तार के डॉक्टर-ड्राइवर की पहले हो चुकी है गवाही
इसमें एक डॉक्टर और मुख्तार के ड्राइवर रमेश राम ने गवाह के रूप में गवाही दी थी। अब कोर्ट ने मुख्तार को बृजेश के खिलाफ सबूत देने के लिए खुद पेश होने को कहा है, उन्होंने कहा कि दोनों की कोर्ट में पेशी की संभावना को देखते हुए संवेदनशीलता बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्तार की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए हमने कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दिया है, जिसमें उन्हें बांदा जेल से लाने के लिए सुरक्षा कवर और चिकित्सा सुविधा की मांग की गई है।
सीजेआई के सामने पेश किया था आवेदन
अधिवक्ता अली के मुताबिक इससे पहले मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने भी रविवार को सीजेआई को एक आवेदन भेजा था, जिसमें मुख्तार को जान का खतरा होने के मद्देनजर उचित सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई थी।
हालांकि अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (आपराधिक) नीरज श्रीवास्तव ने कहा कि अदालत ने केवल मुख्तार को मंगलवार को शारीरिक रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
पहले बृजेश सिंह कोर्ट में पेश हुए थे
इससे पहले वाराणसी सेंट्रल जेल से रिहा होने के 12 दिन बाद बृजेश सिंह 16 अगस्त 2022 को इसी मामले की सुनवाई के लिए गाजीपुर कोर्ट पहुंचे थे। 6 सितंबर 2022 को बृजेश सिंह फिर से शारीरिक रूप से अदालत में पेश हुए, जबकि मुख्तार बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई वर्ष 2001 को मुख्तार और उनके समर्थकों के काफिले पर हमला कर मुख्तार के गनर सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद मुख्तार ने बृजेश सिंह, उनके करीबी त्रिभुवन सिंह समेत 15 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।