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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Moradabad News: 32 हिंदुओं के धर्म बदलने का सच आया सामने, वापस लौट सुधारी गलती

UP Moradabad Religion Change Case: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 32 लोगों के धर्मांतरण का सच सामने आया है। शख्स ने खुद धर्म परिवर्तन के आरोप पर अपना पक्ष रखा और पिता परमेश्वर की पूजा करने की वजह बताई। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 3, 2025 09:29
Moradabad Religion Change Case
बाबू राम ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा।

Moradabad Religion Change Inside Story: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 32 लोगों के धर्मांतरण का मामला गहराता जा रहा है। मुरादाबाद थाना कुंदरकी क्षेत्र के तहत आने वाले गांव फरहेदी का मामला है। बाबू राम नामक शख्स के परिवार पर आरोप लगा कि उसका परिवार पिछले एक साल से ईसाई धर्म की पूजा कर रहा है। इस परिवार ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया है। कुछ लोग गांव के लोगों को बरगला कर ईसाई धर्म में शामिल करा रहे थे। पैसों और सुविधाओं का लालच देकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।

गत 26 फरवरी को भी 25 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया वायरल हुआ तो शनिवार को RSS और हिंदू संगठन के पदाधिकारी गांव में पहुंचे और पंचायत कराकर धर्म परिवर्तन करने वाले सभी 32 लोगों को समझाकर उनकी हिंदू धर्म में वापसी कराई। वहीं इस मामले में बाबू राम का बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा और मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने धर्म परिवर्तन की बात से साफ इनकार कर दिया है।

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बाबू राम ने बताई धर्म परिवर्तन की सच्चाई

सामने आए वीडियो के अनुसार, बाबू राम ने बताया कि हम ईसाई नहीं बने हैं। उन्होंने पिता परमेश्वर की पूजा इसलिए की, क्योंकि उनकी पत्नी बीमार थी और दम तोड़ने वाली थी, लेकिन पिता परमेश्वर की प्रार्थना करने से पत्नी को आशीष मिली और वह ठीक होने लगी, इसलिए परिवार एक साल से पिता परमेश्वर की प्रार्थना कर रहा है, लेकिन गांव वालों ने सोचा कि परिवार ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया, धर्मांतरण कर लिया, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। परिवार को इस धर्म के बारे में कुछ नहीं पता। पेंटर हूं, इसलिए क्रॉस का निशान बना दिया। पिता परमेश्वर कौन हैं? ईसाई हैं, मुसलमान हैं, भगवान हैं, इस बारे में कुछ नहीं पता।

पिता परमेश्वर की प्रार्थना करने को कहा गया कि इससे आशीष मिलेगा और पत्नी की बीमारी ठीक हो जाएगी, इसलिए पिता परमेश्वर की प्रार्थना करने लगे। पत्नी बीमार थी, चारपाई से उठा नहीं पाती थी। 15 महीने से इलाज करा रहा था। कई से आराम नहीं हुआ। वृंदावन, सहारनपुर से इलाज कराया। शादी होने के बाद से ही पत्नी बीमार थी, इलाज कराने पर भी ठीक नहीं हो रही थी। 4 साल से चारपाई पर ही थी, परेशानी देखकर साडू ने पिता परमेश्वर की प्रार्थना करने को कहा और तब से करता आ रहा हूं, लेकिन धर्म नहीं बदला है। मैं हिंदू हूं, ईसाई नहीं बना हूं। सभी धर्मों की पूजा करता हूं और हर धर्म स्थल पर जाता हूं।

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घर से बरामद हुई ईसाई धर्म की सामग्री

बता दें कि ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि 26 फरवरी को गांव में एक बैठक हुई थी, जिसमें 25 और अन्य हिंदुओं को ईसाई धर्म में शामिल कराया गया। इस दौरान बाबूराम के घर में ईसाई धर्म की धार्मिक क्रियाएं हुईं तो राज खुल गया। ईसाई धर्म अपनाने वाले 2 परिवारों का राज ग्रामीणों से एक साल तक छिपा रहा, लेकिन जब ईसाई धर्म की धार्मिक क्रियाएं गांव के 2 घरों में होने की सूचना मिली तथा तीसरे घर में ईसाई धर्म की धार्मिक क्रियाओं के आयोजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सारा राज खुल गया।

ग्रामीणों ने घर जाकर देखा तो ईसाई धर्म से संबंधित धार्मिक पुस्तकें, प्रतीक चिह्न क्रॉस और अन्य समाग्री पाई गई। इससे स्पष्ट हुआ कि दोनों परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। इसके बाद समाज की पंचायत बुलाई गई। पुलिस को भी सूचना दी गई तो पुलिस ने गांव में जाकर जांच पड़ताल की। पंचायत में धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को भी बुलाया गया। धर्म परिवर्तन करने वाले सभी 32 लोगों ने गलती मानते हुए फिर से हिंदू धर्म में अपनी आस्था जताई। ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह का कहना था कि धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों को समझाया तो उन्होंने स्वेच्छा से ही घर वापसी कर ली, लेकिन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

First published on: Mar 03, 2025 09:13 AM

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