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Mainpuri By-Election Result: ससुर मुलायम सिंह यादव के गढ़ को बहू डिंपल यादव ने रखा बरकरार, रिकॉर्ड मतों से दर्ज की जीत

Mainpuri By-Election: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha seat) यूं ही खास महत्व नहीं रखती है। इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि करीब 26 साल से इस सीट पर सपा का कब्जा है। यादव परिवार से पहली बार मुलायम सिंह यादव यहां से चुनाव लड़कर […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Dec 8, 2022 17:00
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Mainpuri By-Election: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha seat) यूं ही खास महत्व नहीं रखती है। इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि करीब 26 साल से इस सीट पर सपा का कब्जा है। यादव परिवार से पहली बार मुलायम सिंह यादव यहां से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे थे। मैनपुरी सपा के लिए सिर्फ चुनावी सीट नहीं, बल्कि मुलायम सिंह की विरासत स्वरूप है।

मुलायम सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी सीट

बता दें कि उपचुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद हुआ करते थे। बीमारी के कारण 10 अक्तूबर को उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था, जिसके बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई। चुनाव आयोग की ओर से इस सीट पर उपचुनाव की घोषित हुई।

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1996 में पहली बार सपा ने जीती थी मैनपुरी

जानकारी के मुताबिक सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से पहली बार वर्ष 1996 में चुनाव लड़े और जीतकर संसद पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि उनके बाद से इस सीट पर कोई और पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई। सपा 8 बार यहां अपना परचम लहरा चुकी है। इतना ही नहीं मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से एक जसवंतनगर विधानसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव विधायक हैं।

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उपचुनाव की घोषणा के बाद साथ आए शिवपाल-अखिलेश

वर्तमान समय की बात करें तो अब भी सपा ने इस उपचुनाव के लिए काफी मेहनत की। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने सबसे पहले अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव से संपर्क किया। बताया जाता है कि गिले-शिकवे दूर करते हुए चुनाव जीतने की रणनीति बनाई। इसके बाद चाचा शिवपाल यादव बहू डिंपल को जिताने के लिए जुट गए। नतीजा डिंपल यादव को मिले वोटों के साथ सभी के सामने है।

मैनपुरी चुनाव के बाद एक हुए चाचा-भतीजे

गुरुवार के घटनाक्रम पर गौर करें तो शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में विलय हो गया है। शिवपाल यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि हमने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का समाजवादी पार्टी में विलय कर दिया है। अब वर्ष 2024 में हम एकजुट होकर लड़ेंगे। आज से (कार पर) समाजवादी पार्टी का झंडा होगा।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Dec 08, 2022 04:00 PM
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