Up News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) स्थित चिड़ियाघर (Locknow Zoo) में रविवार देर रात बाघिन कजरी की मौत हो गई। बताया गया है कि वह काफी समय से बीमार थी।
मई 2019 को लाया गया था लखनऊ
जानकारी के मुताबिक बाघिन कजरी को पीलीभीत टाइगर रिजर्व से लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में लाया गया था। मई 2019 से यहां रह रही 19 वर्षीय बाघिन की रविवार देर रात मृत्यु हो गई। उचित जांच के बाद यह पाया गया कि उम्र बढ़ने के कारण बाघिन ने आंशिक रूप से देखने की क्षमता खो दी थी।
काफी समय ने डॉक्टरों की निगरानी में थी
बताया गया है कि उसके दांतों में भी दिक्कत होने लगी थी। इसलिए पिछले काफी दिनों से उसे पशु चिकित्सालय में निगरानी में रखा गया था। उसके बाड़े में नर्म मांस रखा जाता था। इसके साथ उसकी उम्र को देखते हुए नर्म बिस्तर किया जाता था।
चिड़ियाघर के सहायक निदेशक और मुख्य पशु चिकित्सक उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि कजरी की मौत के बाद चिड़ियाघर में अब नौ बाघ बचे हैं। चूंकि कजरी की मौत देर रात हुई थी, इसलिए सोमवार को उसके शव का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद चिड़ियाघर के विद्युत शवदाह गृह में उसका अंतिम संस्कार हुआ।
तो इतवनी होती है बाघों की उम्र
जानकारों की मानें तो चिड़ियाघर या फिर देखरेख में रहने वाले बाघ की औसत आयु लगभग 18 से 19 वर्ष होती है जबकि जंगलों में रहने वाले बाघ करीब 15 वर्ष तक ही जी पाते हैं।