Expressways in UP: उत्तर प्रदेश में विकास के लिए कई बड़ी सड़क परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। कानपुर रिंग रोड (93 किमी, 6 लेन) और लखनऊ रिंग रोड (104 किमी, 4 लेन) का निर्माण कार्य तेजी से जारी है, जिससे यातायात सुगम होगा और शहरों में भीड़भाड़ कम होगी। वहीं, नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे (380 किमी, 6 लेन) का डीपीआर तैयार हो चुका है, जल्द ही इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू होगा। इन परियोजनाओं से उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और सफर का समय भी बचेगा।
तीन परियोजनाएं कौन सी?
कानपुर रिंग रोड (NHAI)लंबाई, 93 किमी, 6 लेन, निर्माणाधीन।
लखनऊ रिंग रोड (NHAI) लंबाई, 104 किमी, 4 लेन , निर्माणाधीन।
नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे (NHAI) लंबाई, 380 किमी, 6 लेन-डीपीआर तैयार, जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा।
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1- कानपुर रिंग रोड
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बन रहे रिंग रोड की लंबाई 93 किमी है, जो 6 लेन का रहेगा। अभी इसके निर्माण का काम चल रहा है। इस रिंग रोड को 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बनने से मध्य प्रदेश यानी सागर, हमीरपुर और महोबा की तरफ आने वाली गाड़ियां अब नौबस्ता के बजाय महाराजपुर की तरफ से इलाहाबाद जा सकेंगी। दूसरी तरफ उन्नाव के बदरका से उजेती तक के पार्ट से सीधे लखनऊ के लिए निकला जाएगा। जिससे गंगा पुल पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जाएगा।
किन गांवों को फायदा?
इस रिंग रोड के बनने से रास्तपुर, फत्तेपुर निहुटा, टिकरी, हृदयपुर प्रतापपुर, बाराखेड़ा, सिंहपुर दिवनी, रंजीतपुर, टोडरपुर, प्रतापपुर खास, ढिकिया, बाघपुर, अन्ने, चकरतनपुर, भाऊपुर, खरगपुर बिठूर, चकटोडरपुर, दूल, भूल, नकटू, भीसीजर गांव, भौंती प्रतापपुर, सुजानपुर, बसौसी, निहुटा, खरगपुर, टिकरा कानपुर, रौकेपुर, सुरार, धरमंगदपुर, कटरा घनश्याम, बघवट, मलिकपुर, मकरंदपुर, मकरंदपुर बंथा और भिसार के अलावा भी दर्जनों गांवों को सीधा फायदा मिलेगा।
2- लखनऊ रिंग रोड
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बन रहे रिंग रोड की लंबाई 104 किमी है, जो 4 लेन का होगा। अभी इसके निर्माण का काम चल रहा है। जल्दी ही लखनऊ में इस आउटर रिंग रोड को बनाने का उद्देश्य जाम की समस्या को कम करना है। इससे अयोध्या, सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई कानपुर, रायबरेली जैसे जिलों से लखनऊ का सफर आसान होगा।
मास्टर प्लान 2031 के चलते इस प्रोजेक्ट में कई बदलाव किए जाएंगे। जिसमें लखनऊ के ज्यादातर थोक बाजारों को आउटर रिंग रोड के किनारे लाया जाएगा। यहां पर कई नए बस स्टेशन बनाए जाएंगे। साथ ही नई आवासीय कॉलोनी और कमर्शियल हब भी विकसित किए जाएंगे।
3- नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे
नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई लंबाई 380 किमी रहेगी, जो 6 लेन का होगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू किया जाएगा। 380 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को जोड़ने का काम करेगा। इसके शुरू होने से नोएडा से कानपुर की दूरी घटकर केवल साढ़े 3 घंटे रह जाएगी।
किन जिलों को क्या फायदा?
इससे हापुड़, बुलंदरशहर, अलीगढ़, कासगंज, फरूखाबाद, कन्नौज और उन्नाव जिलों को सीधा फायदा होगा। इसके निर्माण से नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ और कानपुर राजमार्ग पर रियल स्टेट बढ़ जाएगा। इसके अलावा, आने वाले समय में दिल्ली के क्षेत्र में प्रमुख बुनियादी आवासीय सुविधाएं, अस्पताल और मॉल विकसित किए जा सकते हैं।
कानपुर-गाजियाबाद-नोएडा एक्सप्रेसवे का उत्तरी हिस्सा एनएच-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे) से कनेक्ट किया जाएगा। वहीं, दक्षिणी हिस्सा 62.3 किलोमीटर लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ा जाएगा। यह गाजियाबाद में मेरठ एक्सप्रेसवे को हापुड़ से कनेक्ट करने का काम भी करेगा। जनता इस एक्सप्रेसवे पर साल 2026 तक सफर कर सकेगी।
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