गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में मेरठ भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ ने गुरुवार शाम ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग के एक जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) को एक ठेकेदार से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि जूनियर इंजीनियर सुभाष शर्मा ने रुके हुए बिलों के भुगतान के लिए कथित रूप से एक ठेकेदार से रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार ने मना किया तो इंजीनियर ने पिछले छह माह से बिल पास नहीं किया।
सड़क का काम पूरा होने के बाद बिल लेकर गया था
ठेकेदार राहुल गुप्ता ने मीडिया को बताया कि उन्हें जनवरी 2022 में बम्हेटा गांव में सड़क बनाने का टेंडर मिला था। उन्होंने अप्रैल तक सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया था। इसके बाद उन्होंने 16.59 लाख रुपये के बिल कार्यालय में जमा किए। इस पर इंजीनियर शर्मा ने बिलों के भुगतान के लिए 3 लाख रुपये की मांग की।
बिल पास से पहले एक लाख फिर दो लाख रुपये मांगे
पीड़ित ठेकेदार ने बताया कि उन्होंने इंजीनियर से काफी मिन्नतें की। कहा कि उसने टेंजर का काम पूरा करने के लिए लोगों ने उधार पैसे लिए हैं, लेकिन उन्होंने मुझे तुरंत 1 लाख रुपये देने और बिलों को मंजूरी देने के बाद बाकी रकम देने को कहा।
पैसे लेने के लिए विकास भवन के बाहर बुलाया
ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि इंजीनियर ने धमकी भी दी, अगर मैंने उसके खिलाफ शिकायत की तो अंजाम बुरा होगा, लेकिन चार दिन पहले ठेकेदार ने भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ में लिखित शिकायत की। शिकायत के बाद राहुल ने इंजीनियर को विकास भवन के बाहर बुलाया और पैसे लेने की बात कही। एक लाख रुपये लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने इंजीनियर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया और कविनगर थाने ले गयी।
टीम ने इंजीनियर को रंगे हाथ पकड़ा
भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ की पुलिस उपाधीक्षक संगीता सिंह ने बताया कि विभाग को राहुल गुप्ता की शिकायत मिली थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच के बाद टीम हरकत में आई और इंजीनियर शर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गाजियाबाद के कवि नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।