Basant Panchami: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी (Basant Panchami) का एक खास महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदी गंगा में स्नान करके पुण्य कमाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे माघ मेला 2023 (Magh Mela 2023) में विशेष तैयारियां की गई हैं। प्रयागराज प्रशासन और मेला अधिकारियों ने जिले के बाहरी इलाकों समेत आंतरिक मार्गों में रूट डायवर्ट किया है। प्रशासन का अनुमान है कि 26 जनवरी को यहां एक करोड़ लोग पहुंचेंगे।
मकर संक्रांति को 36 लाख से ज्यादा ने लगाई थी डुबकी
जानकारी के मुताबिक प्रयागराज के माघ मेला 2023 में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है। इससे पहले मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। मेला अधिकारियों के मुताबिक मकर संक्रांति के मौके पर 36 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया था। इसके बाद मौनी अमावस्या पर भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचे। भीड़ के आंकड़े को देखते हुए प्रशासन ने अब तैयारी की है।
इस तरह रहेगा प्रयागराज में डायवर्जन
माघ मेला अधिकारी अरविंद कुमार चौहान के मुताबिक पूरी तैयारी कर ली गई है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा नहीं होने दी जाएगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस चौकी बमरौली, ट्रांसपोर्ट नगर तिराहा, सहसों चौराहा, हबुसा मोड़, बाईपास फफामऊ, 40 नंबर गोमती, रामपुर चौराहा और घूरपुर में कमर्शियल वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। जौनपुर, वाराणसी मार्ग से आने वाले वाहनों को कटका तिराहा से डायवर्ट कर मेला कछार पार्किंग, त्रिवेणीपुरम गेट पार्किंग में खड़ा किया जाएगा।
क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी
बसंत पंचमी का त्योहार मां सरस्वती के लिए समर्पित है। हिंदी पंचांग के मुताबिक माघ मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंचमी को ही बसंत पंचमी कहते हैं। इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती बुद्धि, ज्ञान और वाणी की देवी हैं। इन्हीं की उपासना से लोग पढ़ाई समेत विभिन्न कलाओं में महहारथ हासिल करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से विशेष पुण्य मिलता है। लिहाजा लोग गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
Edited By