मनोज पांडे, लखनऊ: यूपी-एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस के जॉइंट ऑपरेशन में बड़ी सफलता हाथ लगी है। रविवार को सेना में भर्ती के लिए मेडिकल टेस्ट पास कराने और नियुक्ति पत्र बांटने वाले दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। भारतीय सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से भागे एक भगोड़े सैनिक को भी गिरफ्तार किया गया है।
पवन के खाते में गई 89 लाख रुपये की रकम
यूपी-एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस ने आरोपी सैनिक पवन राज व कोचिंग प्रबंधक सतीश यादव को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि फर्जीवाड़े की 89 लाख रुपए की रकम पवन के खाते में गई थी। वह कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद फरार हो गया था। जानकारी के अनुसार, मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर 4 से 5 लाख रुपए की रकम वसूली जाती थी।
फर्जी शपथ पत्र और आधार कार्ड बरामद
एक गुप्त सूचना के आधार पर लखनऊ के बिजनौर इलाके से इन दोनों को पकड़ा गया। उनके पास से कई फर्जी शपथ पत्र और आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। बिजनौर में मिशन डिफेंस अकादमी के प्रबंधक यादव ने भारतीय सेना के उम्मीदवारों से उनकी मेडिकल परीक्षा पास कराने और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिलाने के बदले में पैसे लिए थे। यादव पूर्व सैन्यकर्मी पवन राज के साथ मिलकर रैकेट चलाता था।
गिरोह में हो गए शामिल
पूछताछ के दौरान पवन राज ने एसटीएफ को बताया कि 2017 में आर्मी मेडिकल कोर, लखनऊ में तैनाती के दौरान उसकी मुलाकात सेना के दो जवानों बाला और सूर्यवंशी से हुई थी। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि वह उनके गिरोह में शामिल हो गए और सैकड़ों अभ्यर्थियों को मेडिकल परीक्षाओं में सफलता दिलाने में मदद कर करोड़ों रुपये ले लिए।
इसके बाद सूर्यवंशी और बाला को कोर्ट मार्शल के बाद पकड़ लिया गया और जेल भेज दिया गया, लेकिन पवन राज दोषसिद्धि से बचने में कामयाब रहा। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि पवन राज डिफेंस एकेडमी के जरिए अभ्यर्थियों से संपर्क करता था और प्रत्येक अभ्यर्थी से 4-5 लाख रुपये लेता था।