UP News: उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने नकली नोटों का रैकेट चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। नोएडा पुलिस ने यहां के सेक्टर-35 स्थित मोरना बस स्टैंड के पास से साढ़े छह लाख रुपये के नकली नोट बदलने के आरोप में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन आरोपी फरार हैं। पुलिस ने बताया कि नकली नोटों का धंधा कुवैत से चल रहा था।
सोशल मीडिया पर पहुंचते थे ग्राहकों तक
पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान लखनऊ निवासी फैज खान, शिबू खान, जयपुर निवासी आयुष गुप्ता, दिल्ली निवासी आदित्य गुप्ता और अलीगढ़ निवासी हरिओम के रूप में हुई है। आरोपियों का दावा है कि उन्हें नकली नोट बनाने का आइडिया हाल ही में आई वेब सीरीज फर्जी से मिला था। इसके बाद आरोपी सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों तक पहुंचते थे।
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Cracking Against The Counterfeit – नकली नोट बनाने वाले गिरोह के 05 अभियुक्तों को @noidapolice द्वारा गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से ₹6,48,000/- के नकली नोट बरामद किये गए हैं।#WellDoneCops#GoodWorkUPP pic.twitter.com/OxV9yLlTah
---विज्ञापन---— UP POLICE (@Uppolice) April 11, 2023
तीन आरोपी फरार, तलाश जारी
नोएडा पुलिस ने बताया है कि फरार आरोपियों की पहचान मोबीन, भोले बाबा और सिंघानिया के रूप में हुई है। तीनों को पकड़ने के लिए पुलिस ने टीमों का गठन किया है। नोएडा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शक्ति अवस्थी ने बताया कि हमें कुछ बदमाशों के बारे में सूचना मिली थी। इसी क्रम में थाना सेक्टर-24 पुलिस की हमारी टीम ने पांच आरोपियों को पकड़ा और 6.5 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए।
कुवैत में बैठा है सरगना फैज खान
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे पिछले दो से तीन महीनों से सक्रिय हैं। बिहार के छपरा और दिल्ली से नकली नोटों की खेप हासिल करते थे। इसके बाद इन नोटों को छोटे जिलों और बाजारों में चलाते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपियों में से एक फैज खान कुवैत से गुरोह को संचालित करता था। उसने अपना नेटवर्क बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में फैला रखा था।
नोएडा के मोरना बस अड्डे से पकड़े
वहीं दिल्ली निवासी आयुष ने ‘फेक करेंसी’ नाम से इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया था। एडीसीपी ने कहा कि इसी तरह उसकी मुलाकात फैज से हुई, जिसने उसे नकली नोटों की आपूर्ति की। फैज के साथ लेन-देन करने के बाद, मोबीन और उसका भाई शिबू आते थे और उसे 500 के नकली नोट देते थे। अवस्थी ने कहा कि हरिओम ने भी 15,000 रुपये का भुगतान किया और नकली नोट लेने के लिए आयुष से मिला। अवस्थी ने बताया कि आरोपी आदित्य दिल्ली के राजौरी गार्डन निवासी भोले बाबा के साथ फैज को नकली नोट देने आया था।
फर्जी के वीडियो में दिया था मोबाइल नंबर
शिबू सऊदी (कुवैत) में टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम करता था। करीब एक महीने पहले अपने भाई मोबीन और फैज के साथ भारत आया था। उसने भी बिहार के छपरा निवासी सिंघानिया से नकली नोट खरीदने की बात कबूल की। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि फैज ने कबूल किया कि यूट्यूब पर फर्जी की खोज के दौरान जाली नोट बनाने के वीडियो सामने आए थे। इस वीडियो के कमेंट बॉक्स में एक नंबर लिखा था, जो सिंघानिया का था।