UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से चुनाव आयोग (Election Commission) ने वोटर (Voter) काटे जाने वाले मामले में सबूत मांगे हैं। आयोग की ओर से उन्हें 10 नवंबर तक का समय दिया है। बता दें कि अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि सरकार के इशारे पर दो वर्गों के लोगों (उनके वोटर) का मतदाता सूची से नाम काटा गया था।
हर विधानसभा क्षेत्र में लगाया आरोप
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चुनाव आयोग ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा सार्वजनिक मंचों पर लगाए गए उनके आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने को कहा है। अखिलेश यादव ने कहा था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर उत्तर प्रदेश के लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटाए हैं।
Election Commission asks SP chief Akhilesh Yadav to submit proof to substantiate his allegation made at public fora that ECI deliberately deleted names of voters from Yadav& Muslim communities to tune of 20,000 in almost all UP Assembly constituencies, at BJP's behest
(File pic) pic.twitter.com/jMIULkgQSc
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 27, 2022
10 नवंबर तक का दिया समय
इसी को लेकर चुनाव आयोग ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 10 नवंबर 2022 तक पूरा विवरण प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा सके। साथ ही इतनी बड़ी संख्या में वोटरों को हटाए जाने का विधानसभा-वार डेटा पेश करने के लिए भी कहा गया है। इस मामले में अभी तक सपा की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विधानसभा चुनाव के दौरान लगाया था आरोप
बता दें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंचों पर अपने संबोधन में कहा था कि चुनाव आयोग ने सरकार के इशारे पर उनके वोटरों को मतदाता सूची से हटाया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ साजिश की गई थी।