UP Lok Sabha Election : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति बना ली है। दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। ऐसे में सभी दलों की निगाहें 80 लोकसभा सीटों पर टिकी हैं, जहां 17 सीटें अनुसूचित वर्गों के लिए आरक्षित हैं। आइए जानते हैं कि आरक्षित सीटों पर भाजपा की कैसी है किलेबंदी?
अगर लोकसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट पर नजर डालें तो भाजपा के खाते में सबसे ज्यादा आरक्षित सीटें आई थीं। भारतीय जनता पार्टी ने यूपी की आरक्षित 17 सीटों में 14 पर जीत हासिल की थी, जबकि एनडीए के तहत अपना दल एस ने एक सीट राबर्ट्सगंज पर कब्जा किया था। पार्टी ने फिर अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने के लिए आरक्षित सीटों पर किलेबंदी शुरू कर दी। बीजेपी का पहला फोकस जिताऊ उम्मीदवारों पर है। इसके लिए पार्टी बहुत सोच-समझकर कदम उठा रही है।
यह भी पढ़ें : सपा ने जारी की एक और लिस्ट, नोएडा से क्यों बदला उम्मीदवार, देखें पूरी List
मलिन बस्तियों में अभियान चला रही भाजपा
सूबे की आरक्षित 17 सीटों पर जीत के लिए दूसरा फोकस मलिन बस्तियों में संपर्क अभियान पर है। दलितों में अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा मलिन बस्तियों में अभियान चला रही है। इसके तहत लोगों से पहले संपर्क साधा जा रहा है और फिर उनसे संवाद किया जा रहा है। अबतक सूबे की 25 हजार मलिन बस्तियों में भाजपा का अभियान पूरा हो गया है। साथ ही पार्टी के नेता दलित छात्र-छात्राओं के हॉस्टल में जा रहे हैं और युवाओं एवं उनके माता-पिता से संपर्क कर रहे हैं। साथ ही उन्हें केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है।
जानें नगीना सीट का चुनावी समीकरण
पिछले लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। ऐसे में बसपा के पाले में दो सुरक्षित सीटें गई थीं- एक नगीना सीट है, दूसरा लालगंज। इस बार भाजपा का टारगेट दोनों सुरक्षित सीटों पर कब्जा जमाना है। इसके लिए बीजेपी ने नगीना से नहटौर से विधायक ओम कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा से पूर्व जज मनोज कुमार और बसपा से सुरेंद्र पाल सिंह ताल ठोकेंगे। साथ ही इस सीट से भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
यह भी पढ़ें :टिकट मिला तो क्या लोकसभा चुनाव में उतरेंगी? जानें Manthan में क्या बोलीं ‘महारानी’ हुमा कुरैशी
लालगंज सीट पर क्या है चुनावी समीकरण
इस चुनाव में आजमगढ़ जिले की लालगंज सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा ने जीत हासिल की थी। भाजपा ने एक बार फिर लालगंज से नीलम सोनकर को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने 2014 में इसी सीट से जीत हासिल की थी। वहीं, सपा ने दरोगा सरोज को चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि, बसपा ने अभीतक अपना पत्ता नहीं खोला है।
ये हैं यूपी की सुरक्षित सीटें
हाथरस, शाहजहांपुर, हरदोई, मिश्रिख, मोहनलालगंज, इटावा, जालौन, आगरा, कौशांबी, बाराबंकी, बुलंदशहर, बहराइच, बासगांव, मछलीशहर, राबर्ट्सगंज, नगीना, लालगंज