Bareilly Dengue Cases On The Rise: उत्तर प्रदेश मे डेंगू के केस बढ़ते ही जा रहे हैं, बरेली समेत अन्य शहरों में केस बढ़ते ही जा रहे है। वहीं बरेली में डेंगू के प्रहार से स्वास्थ्य विभाग की सारी कोशिशें धराशाई होती दिख रही हैं।शहर में शुक्रवार को 19 नए मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले हैं और इसके साथ ही इस साल डेंगू बुखार का आंकड़ा 500 के पार चला गया है। बीते तीन साल में 1500 से अधिक मरीज मिल चुके हैं और लगातार तीसरे वर्ष जिले में प्रकोप के हालात बन गए हैं। अभी तक डेंगू से 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
जिले में तीन साल पहले तक डेंगू बुखार का जिगजैग पैटर्न रहा है। एक साल के अंतराल में डेंगू का हमला होता था। अचानक 2021 से डेंगू ने हमले का ट्रेंड बदल दिया है। 2019 में जहां 264 मरीज मिले थे, वहीं अगले साल डेंगू संक्रमितों की संख्या महज 8 रह गई थी। 2021 में सबसे तेज हमला हुआ और पहली बार जिले में 595 मरीज मिले थे जो 40 सालों का रिकार्ड था। डेंगू के पहले से चल रहे ट्रेंड को देखते हुए 2022 में मरीजों की संख्या कम होनी चाहिए थी पर बीते साल भी 473 डेंगू संक्रमित मिले थे। इस साल अब तक 516 मरीज मिल चुके हैं। यह संख्या बढ़ने की आशंका है।
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अखिलेश्वर ने कहा
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अखिलेश्वर ने बताया कि बुखार का सेट पैटर्न नहीं होता। किसी संक्रमण का एक स्ट्रेन होता है तो उसके प्रति व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बनती है। ऐसे में अगले वर्ष उस स्ट्रेन का प्रभाव कम होता है और यह वजह हो सकती है, जब मरीज की संख्या कम हो जाती है। उस स्ट्रेन के प्रति जो इम्युनिटी पावर विकसित होती है, उसी से अगले वर्ष मरीजों की संख्या घट सकती है, यह संभावना है। यह एक ट्रेंड जैसा लगता है। सीरो टाइपिंग जांच से पता हो सकता है की डेंगू बुखार का कौन सा स्ट्रेन इस समय प्रभावी है लेकिन सिर्फ लखनऊ में इसकी जांच की सुविधा है।
सावधानी ही बचाव का रास्ता
डॉक्टर्स के मुताबिक डेंगू के मच्छर का लार्वा साफ जल में पनपता है। घर और कार्यस्थल के आसपास पानी न जमा होने दें। फ्रिज की ट्रे, गमलों की ट्रे में पानी इकट्ठा न होने दें। इस मौसम में दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहने। सावधानी सफाई ही बीमारी से बचने का रास्ता है।