Ram Mandir Special Museum Of All God Goddess: अयोध्या के राम मंदिर में लोगों को न सिर्फ रामलला के दर्शन होंगे, बल्कि भक्त 33 करोड़ देवी-देवताओं के दर्शन भी कर पाएंगे। भव्य मंदिर के लिए बनाए गए खंभों में 6 हजार से अधिक रामलला की प्रतिमाएं बनाई जाएंगी, वहीं एक स्पेशल म्यूजियम बनाने का भी प्रोजेक्ट तैयार है। देश की प्रसिद्ध वास्तुकार वृंदा सुमाया की देखरेख में यह संग्रहालय बनेगा, जो देश के सभी बड़े और प्राचीन मंदिरों की पुण्यगाथा सुनाएगा। मंदिरों का इतिहास, वास्तुकला और सनातन धर्म की मूलभूत अवधारणाओं के दर्शन कराएगा। बता दें कि 22 जनवरी 2024 को 50 साल बाद भगवान श्रीराम अपने नवमंदिर में विराजमान होंगे। देश ही नहीं दुनियाभर के श्रद्धालु उन ऐतिहासिक पलों के गवाह बनेंगे।
🚨 Ram Mandir in Ayodhya night visuals. Deemed to be the biggest religious tourist attraction in India. pic.twitter.com/4rugyTyd6L
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) November 8, 2023
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सरयू नदी के किनारे 50 एकड़ में बनेगा म्यूजियम
बता दें कि यह म्यूजियम उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर संग्रहालय का निर्माण आयोध्या नगरी में ही किया जाएगा। इसके लिए सरयू किनारे तकरीबन 50 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। हाल ही में मशहूर वास्तुकार सुमाया और उनकी टीम ने सरयू किनारे चिह्नित 3 जगहों और रामपुर हलवारा में चिह्नित जगह का जायजा लिया। इन 4 जगहों में से एक जगह पर म्यूजियम बनाने की तैयारी है। इस म्यूजियम को बनाने का मकसद भारतीय सनातन धर्म के महत्व से दुनिया खासकर युवाओं को परिचित कराना है। म्यूजियम 12 हिस्सों में विभाजित होगा। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर में रामलला को विराजने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे। वाराणसी के ज्योतिषियों द्वारा इसका मुहूर्त तय कर दिया गया है।
भव्य राम मंदिर जल्द ही बनकर हो जायेगा तैयार😊
कार्य बहुत तेजी से हो रहा है ” जय श्री राम ” 🙏🚩#Rammandir #RamMandirAyodhya pic.twitter.com/4zghVa6lCP
— Mukund kumar Jha 🇮🇳 (@iammukundkumar) November 9, 2023
22 जनवरी 2024 को मंदिर में विराजेंगे रामलला
राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से रामलला की स्थापना की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। CM योगी आदित्यनाथ खुद कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। 2 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इनमें एक स्थायी रूप से गर्भगृह में विराजमान रहेगी। दूसरी चलायमान होगी, जिसे विशेष अवसरों पर मंदिर से बाहर ले जाया जा सकेगा। अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से बनाकर लगाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसको लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट तय की गई है।