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‘यूसीसी का विरोध करने वाले सच्चे मुसलमान नहीं’, सिविल कोड पर आई वक्फ बोर्ड की प्रतिक्रिया

Uttarakhand Waqf Board Supports Uniform Civil Code : उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड में एक भी पंक्ति ऐसी नहीं है जो इस्लाम की आस्था के खिलाफ हो।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 8, 2024 13:15
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Uniform Civil Code
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Uttarakhand Waqf Board Supports Uniform Civil Code : उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) 2024 विधेयक पारित हुआ था। अब इसे लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर से भी प्रतिक्रिया आ गई है। बोर्ड ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा है कि यह बिल इस्लाम विरोधी है। वक्फ बोर्ड ने कहा कि यूसीसी में इस्लामी आस्था के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है ऐसे में इसका पालन करने में कोई दिक्कत नहीं है।

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समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा कि मैं मानता हूं कि देश इस बिल को हाथोंहाथ स्वीकार करेगा। मुस्लिम समुदाय के बीच इस बिल को लेकर जिस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि यह इस्लाम विरोधी है, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि इस विधेयक में एक भी लाइन ऐसी नहीं है जो इस्लामी आस्था के साथ छेड़छाड़ करती हो। जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं वो सच्चे मुसलमान नहीं हैं।

जो विरोध कर रहे हैं वो राजनीतिक मुसलमान

शादाब शम्स ने कहा कि एक मुसलमान होते हुए और पूरी ईमानदारी के साथ कुरान शरीफ की रोशनी में मैं यह कह सकता हूं कि यूसीसी के नियमों का पालन करने में कोई समस्या नहीं है। जो मुसलमान इसका विरोध कर रहे हैं वह राजनीतिक मुसलमान हैं जो कहीं न कहीं कांग्रेस या समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ फिर से कह रहा हूं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक इस्लाम का उल्लंघन नहीं करता है और मुस्लिम इसका पालन कर सकते हैं।

यूसीसी पारित होना राज्य के लिए एतिहासिक

बता दें कि बुधवार को उत्तराखंज विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड बहुमत के साथ पारित हो गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे लेकर कहा था कि यूसीसी विधेयक का पारित होना राज्य के इतिहास का ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि इससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिलेगा। इस बिल में हर समुदाय के लिए एक जैसे कानून प्रस्तावित किए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को यह विधेयक विधानसभा में पेश किया था।

विधेयक पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि हम इसे पारित करने के साथ इतिहास रचने जा रहे हैं। प्रदेश के हर नागरिक को इस पर गर्व होना चाहिए। इसके साथ हम हर समाज के लिए समान न्याय और नियम सुनिश्चित कर पाएंगे।

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Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Feb 08, 2024 01:03 PM

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