Lucknow news : योजना की शुरुआत में जहां मात्र 400 वेंडर थे, वहीं यह संख्या अब बढ़कर करीब 4 हजार पहुंच गई है. इसके चलते प्रदेश में 48,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और सप्लाई चेन व मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं.
रूफटॉप सोलर मॉडल से अब तक 3,800 एकड़ कृषि भूमि की बचत भी संभव हुई है.
यूपी की अर्थव्यवस्था को मिला नई ऊर्जा का संबल
योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा ₹1,808 करोड़, जबकि राज्य सरकार द्वारा ₹584 करोड़ की सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं को प्रदान की गई है. सोलर संयंत्रों के माध्यम से बिजली लागत में वार्षिक बचत प्रदेश के GDP में 0.2% से अधिक योगदान दे रही है, जो उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर गति प्रदान कर रही है.
कार्बन उत्सर्जन में बड़ी कमी
रूफटॉप सौर संयंत्रों से हर वर्ष 11.3 लाख टन CO₂ उत्सर्जन में कमी आ रही है, जो 2.3 करोड़ पेड़ों के अवशोषण के बराबर है. यह पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है.
युवाओं के लिए बड़ा अवसर
प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में युवाओं को जोड़ने के लिए योजना को सीएम युवा से भी लिंक किया है. यूपीनेडा के माध्यम से इंपैनलमेंट होने के बाद युवाओं को सौर वेंडर फर्म स्थापित करने हेतु 5 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी.
उत्तर प्रदेश को ‘सोलर प्रदेश’ बनाने का लक्ष्य
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक रूफटॉप सौर स्थापना में गुजरात को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश को सोलर प्रदेश यूपी के रूप में स्थापित किया जाए.यह कदम ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित भविष्य की दिशा में यूपी को अग्रणी बनाएगा.










