Under Construction Tunnel Collapsed in Uttarakhand: पूरा देश जहां दिवाली का त्योहार मनाने में व्यस्त है, वहीं उत्तराखंड बड़ी मुसीबत में फंस गया है। उत्तराखंड में खुशियों के बीच आपदा आई है। उत्तरकाशी में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन टनल ढह गई है, जिसके अंदर 35 से ज्यादा मजदूरों के फंसे होने की बात कही जा रही है। मजदूर करीब 800 मीटर की दूरी पर फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने हादसे की पुष्टि की है। NHIDCL कंपनी टनल बना रही है, जो अब मलबा हटाने के कार्य में जुटी है। मौके पर पुलिस, जिला प्रशासन, कंपनी के अधिकारी, एंबुलेंस के साथ SDRF और अन्य बचाव दल रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं।
Uttarakhand | Inside visuals from the under-construction tunnel from Silkyara to Dandalgaon in Uttarkashi that collapsed, late on Saturday night.
DM and SP of Uttarkashi district are present at the spot. SDRF, and Police Revenue teams are also present at the spot for relief… pic.twitter.com/XyUgOPt2NE
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 12, 2023
मजदूरों को पाइप के जरिए दी जा रही ऑक्सीजन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस हादसे में किसी तरह का जानी नुकसान होने की सूचना नहीं है। फंसे मजदूरों को ऑक्सीजन पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी जा रही है। हादसा रविवार सुबह करीब 5 बजे हुआ। सिलक्यारा की ओर सुरंग के अंदर 200 मीटर की दूरी पर भूस्खलन हुआ है। हादसे के समय मजदूर काम कर रहे थे। ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत सिलक्यारा से डंडालगांव तक नवयुगा कंपनी द्वारा बनाई जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। 4 किलोमीटर लंबी सुंरग बन चुकी है। पहले सुरंग का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी।
BREAKING: Under construction tunnel in Uttarakhand collapsed. Around 40 workers are reportedly trapped inside. Rescue ops are ongoing.
pic.twitter.com/LQEX6qtmHH— Cow Momma (@Cow__Momma) November 12, 2023
चमोली भी पहले हो चुका इसी तरह का हादसा
बता दें कि अब से पहले उत्तराखंड के चमोली जिले में भी तपोवन टनल ढह गई थी। यह हादसा 2021 में हुआ था। टनल के अंदर मजदूर फंस गए थे। सुरंग से मलबा निकालने के लिए JCB और डम्पर लगाए गए थे, लेकिन कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी। इसके बाद टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए ड्रिलिंग की गई, लेकिन मजदूरों को बचाने में देरी हो गई। उस हादसे में करीब 53 मजदूरों की जान चली गई थी।