UP Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में तीन महिलाओं का लड्डू गोपाल के प्रति आस्था का नया रंग देखने को मिला है। एक ही परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं ने लड्डू गोपाल का स्कूल में एडमिशन कराया है। लड्डू गोपाल को महिलाओं ने केशव, माधव और राघव नाम दिया है। केशव का स्कूल में एडमिशन कराया गया है। 2024 में वह नर्सरी क्लास में हैं, जबकि प्ले ग्रुप में उन्हें 550 में से 546 नंबर मिले हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक केशव को सबसे कम नंबर हिंदी में मिले हैं।
दरअसल आगरा के एक परिवार की अलका अग्रवाल, मीनू और रीमा लड्डू गोपाल को अपने बच्चे के तौर पर पाल रही हैं। अलका ने अपने लड्डू गोपाल को केशव नाम दिया है, जबकि मीनू ने अपने लड्डू गोपाल को माधव नाम दिया है। रीमा के लड्डू गोपाल का नाम राघव है। केशव की उम्र पांच साल, जबकि माधव की 3 साल और राघव की दो साल है।
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रिश्ते में एक दूसरे की देवरानी और जेठानी लगने वाली तीनों महिलाएं सुबह-सुबह लड्डू गोपाल को प्यार दुलार से जगाती हैं। फिर स्कूल के लिए तैयार करती हैं। उनके लिए टिफिन बनाया जाता है। साथ ही बच्चों की तरह होमवर्क भी कराया जाता है। लड्डू गोपाल एग्जाम भी देते हैं।
लड्डू गोपाल के बर्थडे पर परिवार के रिश्तेदार बुलाए जाते हैं। तीनों भाई एक जैसे कपड़े पहनकर घर के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। तीनों महिलाएं यशोदा की तरह उनका लालन पालन कर रही हैं।
कैसे लगी लड्डू गोपाल की लगन
आगरा में नूरी दरवाजे की रहने वाली अलका अग्रवाल बेसिक स्कूल में टीचर हैं। पांच साल पहले उनकी सहेली बबीता वर्मा ने उन्हें लड्डू गोपाल गिफ्ट में दिए थे। अलका ने लड्डू गोपाल को मंदिर में रख दिया। बाद में बबीता मिलने आईं तो बहुत नाराज हुईं। अलका को इस पर बहुत हंसी आई लेकिन बाद में उनकी बेचैनी बढ़ती गई। अलका लड्डू गोपाल को घर ले आईं और उनका नाम केशव रखा, लड्डू गोपाल तीन साल के हुए तो घर में ही पढ़ाई शुरू करवा दी।
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पहले प्ले ग्रुप में कराया दाखिला
अलका ने दयालबाग के मदर्स हार्ट पब्लिक स्कूल में केशव का एडमिशन प्ले ग्रुप में कराया। केशव अब नर्सरी में हैं। टीचर अलका को होमवर्क भेजती हैं। अलका हर रोज रात को केशव को अपने पास बिठाकर पढ़ाई करवाती हैं। अलका कहती हैं कि केशव सपने में आकर सब सुनाते हैं।
लड्डू गोपाल केशव हर रोज स्कूल नहीं जाते हैं। लेकिन मन भाव से जाते हैं। स्कूल में फीस नहीं लगती है, इसलिए अलका स्कूल जाकर कुछ न कुछ करती हैं। बीते 25 सितंबर को अलका स्कूल गईं तो वहां केशव को झूला झुलाया। अलका बताती हैं कि केशव की बहुत सारी किताबें हैं और ढेर सारे कपड़े भी हैं।
बबीता ने मीनू को भी दिया लड्डू गोपाल
अलका को देखकर मीनू के मन में भी लड्डू गोपाल को पालने का मन हुआ। तीन साल पहले बबीता वर्मा उन्हें भी लड्डू गोपाल देकर गईं। घर की बहू रीमा के पास जो लड्डू गोपाल हैं, वो सबसे छोटे हैं।
तीनों लड्डू गोपाल के बर्थडे पर घर पर ही केक बनाया जाता है, जिनके घरों में लड्डू गोपाल हैं, उन्हें खास न्यौता दिया जाता है। माधव का बर्थडे क्रिसमस के दिन पड़ता है। इसलिए लाल और सफेद रंग की डेकोरेशन की जाती है। उस दिन तीनों लड्डू गोपाल को एक रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। तीनों के कपड़ों की एक साथ शॉपिंग की जाती है। गर्म पोशाकें घर पर ही तैयार की जाती हैं।
तीनों महिलाओं के हैं बच्चे
हालांकि अलका, मीनू और रीमा के अपने बच्चे भी हैं। अलका के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी पीएचडी कर रही है। दूसरी बेटी आर्किटेक्ट है। वहीं बेटा 10वीं में है। मीनू के जुड़वां बच्चे हैं। बेटा कोचिंग क्लासेज चलाता है। बेटी की शादी हो चुकी है। रीमा के भी दो बेटे हैं। एक मेडिकल जबकि दूसरा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।