Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने एक बार फिर मनुस्मृति समेत अन्य धार्मिक ग्रंथों और साहित्यों को प्रतिबंध करने की मांग की है। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब तक इन साहित्यों को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा, तब तक जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था खत्म नहीं हो सकती है।
संघ प्रमुख के बयान की बात की मैंनेः मौर्य
जानकारी के मुताबिक सोमवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर से धार्मिक ग्रंथों के बारे विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज मैंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देशभर में जातिवाद खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।
"भागवत पहले मनुस्मृति और अन्य ग्रन्थों को प्रतिबंधित करें तब जाति व्यवस्था खत्म होगी": @SwamiPMaurya#AkhileshYadav #UttarPradesh #BJP #SwamiPrasadMaurya pic.twitter.com/xfcKitEfYI
— News24 (@news24tvchannel) February 20, 2023
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मनुस्मृति और धार्मिक ग्रंथ है जाति व्यवस्था के जनक
हमने (स्वामी प्रसाद मौर्य) केवल इतना ही निवेदन किया है कि भागवत जी, यदि सही मायने में जाति व्यवस्था खत्म करना चाहते हैं, तो जहां से जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था शुरू हुई, जिसकी जननी मनुस्मृति है। उसकी तरह अन्य तमाम ग्रंथ और साहित्य हैं। पहले उनको प्रतिबंधित करिए। तब जाति व्यवस्था खत्म होगी। अन्यथा जाति या वर्ण व्यवस्था खत्म नहीं होगी।
मैंने किसी धर्म की बात नहीं की
इसके बाद पत्रकारों ने उनसे पूछा कि समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया है कि धर्म पर कोई बयानबाजी या बात नहीं होगी। तो इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमने तो धर्म की कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि हमने तो मोहन भागवत और उनके बयान की बात कही है।
तभी खत्म होगी वर्ण और जाति व्यवस्था
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भगवान ने जाति या वर्ण व्यवस्था नहीं बनाई थी। ये तो पंडितों ने बनाई है। हम इसे खत्म करने की बात कर रहे हैं। हम मांग कर रहे हैं कि जहां से वर्ण व्यवस्था चली, जहां से जाति व्यवस्था पैदा हुई, उस मनुस्मृति और उसके साथ जो साहित्य या ग्रंथ जाति व्यवस्था के पोषक है, उन्हें प्रतिबंधित करें। तब जाति व्यवस्था खत्म होगी।