Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक लड़की के साथ शादी का झांसा देकर कथित तौर पर दुष्कर्म के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 23 मई को दिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा दी है। जानकारी के मुताबिक आरोपी युवक की ओर से कहा गया था कि लड़की मंगली/मांगलिक है, इसलिए वो शादी नहीं कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के 23 मई के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष (ज्योतिष विभाग) को यह निर्धारित करने का निर्देश दिया गया था कि कथित बलात्कार पीड़िता मंगली/मांगलिक है या नहीं। हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह में उसकी ‘कुंडली’ की जांच करने को कहा था।
Supreme Court in a suo moto cognisance puts a stay on the May 23 order of the Lucknow bench of the Allahabad High Court, directing the Head of Department (Astrology Department), Lucknow University to determine if an alleged rape victim is a Mangali/Mangalik by examining her… pic.twitter.com/viGU6hkHGg
— ANI (@ANI) June 3, 2023
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लड़की मंगली, इसलिए नहीं की शादी
जानकारी के अनुसार, इलाहाबाद HC की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वह यह निर्धारित करे कि क्या बलात्कार पीड़िता ‘मंगली’ है, क्योंकि आरोपी ने इसी आधार पर उससे शादी करने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह लखनऊ विवि के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष को तीन सप्ताह में इसकी जांच करते हुए कुंडली बनाने को कहा था।
आरोपी की जमानत याचिका पर हो रही थी सुनवाई
बताया गया है कि न्यायमूर्ति बृज राज सिंह की पीठ ने एक अभियुक्त की जमानत अर्जी पर विचार करते हुए यह आदेश दिया, जिसने कथित तौर पर यौन संबंध बनाने के बाद पीड़िता के साथ शादी करने से इनकार कर दिया। आरोपी का दावा था कि लड़की की कुंडली में मंगल दोष है। जबकि पीड़िता का आरोप था कि आरोपी ने उससे शादी करने का झूठा वादा कर उसके साथ यौन संबंध बनाए। पीड़िता ने कहा कि उसका शादी करने का कभी इरादा ही नहीं था।
कोर्ट ने दोनों पक्षों ने दी ये दलील
हाईकोर्ट के सामने अभियुक्त के वकील ने पेश किया कि अभियुक्त और पीड़िता के बीच विवाह नहीं हो सकता, क्योंकि लड़की मांगलिक है। जबकि इस आरोप का खंडन करते हुए पीड़िता के वकील ने कहा कि वह मंगल दोष से पीड़ित नहीं है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने लखनऊ विवि के विभागाध्यक्ष (ज्योतिष विभाग) को निर्देश दिया कि वह लड़की मंगली है या नहीं, इस मामले में निर्णय करें।