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एक स्टूडेंट को खो चुकी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने बनाया अनूठा इंस्ट्रूमेंट; ब्लड प्रेशर और आवाज में बदलाव सब करेगा रिकॉर्ड

Bundelkhand University Suicide Prevention Tool, झांसी: शिक्षा का उजियारा फैलाने की दिशा में अग्रसर उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी ने एक अनूठा उपकरण इजाद किया है। यह उपकरण थोड़ी भी असामान्य हुई दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर और आवाज में बदलाव सब रिकॉर्ड करेगा। दरअसल, बीते दिनों यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने छात्रावास में […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 14, 2023 22:39
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Bundelkhand University Suicide Prevention Tool, झांसी: शिक्षा का उजियारा फैलाने की दिशा में अग्रसर उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी ने एक अनूठा उपकरण इजाद किया है। यह उपकरण थोड़ी भी असामान्य हुई दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर और आवाज में बदलाव सब रिकॉर्ड करेगा। दरअसल, बीते दिनों यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद और कोई ऐसा कदम न उठाए, इस उद्देश्य से यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने यह टूल तैयार किया है।

इस बात में कोई दो राय नहीं कि अच्छे शैक्षणिक नतीजाें की अपेक्षाओं का बोझ कभी-कभी आदमी को पूरी तरह से तोड़ देता है। नौबत यहां तक आ जाती है कि बहुत से विद्यार्थियों को परीक्षा में पास होने से मरना ज्यादा आसान लगता है। पिछले कुछ वक्त से भारत में, खासकर कम्पीटिशन एजुकेशन हब के नाम से जाने जाते राजस्थान के कोटा में आत्महत्या के मामले  लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच कुछ समय पहले बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के एक छात्र ने भी छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी और यह खबर काफी चर्चा में रही थी।

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इसके बाद बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. मुकेश पांडेय और प्रोफेसर डॉ. लवकुश द्विवेदी की तरफ से एक ऐसा टूल बनाया गया है, जिसकी मदद से आत्महत्या की घटनाओं में कमी लाई जा सके। इस बारे में डॉ. लवकुश द्विवेदी ने कहा कि जब किसी व्यक्ति के मन में आत्महत्या का विचार आता है तो शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। यह उपकरण व्यक्ति की असामान्य हृदय गति, बढ़ा हुआ रक्तचाप, आवाज में बदलाव, रोना या चीखना सब रिकॉर्ड करेगा। साथ ही वह इंटरनेट इतिहास का भी अध्ययन करेंगे। इन सबके आधार पर आत्महत्या के जोखिम का आंकलन किया जाएगा। फिर उपकरण मूल्यांकन के आधार पर व्यक्ति के माता-पिता, रिश्तेदारों, शिक्षकों, संस्थागत अधिकारियों और परामर्शदाताओं को अलर्ट भी भेजता है।

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डॉ. द्विवेदी ने यह भी बताया कि यह उपकरण भारत सरकार के विज्ञान विभाग द्वारा संचालित एक परियोजना के तहत विकसित किया गया है। इसे पेटेंट भी मिल चुका है। यह उपकरण आत्महत्या करने से पहले सहायता प्रदान कर जान बचाने में भी मददगार साबित होगा। विश्वविद्यालय अगले 6 महीने में इस टूल को जनता के लिए पेश करने पर विचार कर रहा है। हमें उम्मीद है कि इससे आत्महत्या के मामलों में कमी आएगी।

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Balraj Singh

First published on: Oct 14, 2023 10:39 PM
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