Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां की इमारतों और संरचनाओं में दरारें पड़ना जारी है। इस बीच ज्योतिर्मठ के प्रशासन का बयान सामने आया है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि विकास अब विनाश का कारण बन गया है क्योंकि पनबिजली परियोजनाओं, सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है।
बता दें कि जोशीमठ में लैंडस्लाइड की चपेट में ज्योतिर्मठ परिसर भी आया है। ज्योतिर्मठ में लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास दरारें पड़ गई हैं। मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने जानकारी दी कि प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। उन्होंने बताया कि मठ के कैंपस में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है।
Uttarakhand | Situation in Joshimath remains grim as buildings & structures continue to develop cracks
---विज्ञापन---Building of our math has developed cracks. Development has now become reason for destruction as hydroelectric power projects, tunnels have affected our town: Admin, Jyotirmath pic.twitter.com/EROJ4hdhWn
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का भी आया बयान
जोशीमठ को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम जोशीमठ भूमि मुद्दे की तात्कालिकता के संबंध में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रहे हैं। अब, यह अदालत पर है कि वे कितनी जल्दी सुनेंगे और निर्देश देंगे। 500 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं। इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए और लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया जाना चाहिए।
We are filing petition in SC pertaining to urgency of Joshimath land subsidence issue. Now, it's on court how soon they'll hear & give direction. Over 500 houses have developed cracks. It should be analysed & people should be assured of safety: Swami Avimukteshwaranand Saraswati pic.twitter.com/2A7HecMaYs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
सीएम धामी ने जाना था हाल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भूस्खलन प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने और प्रभावित परिवारों से मिलने शनिवार को जोशीमठ पहुंचे। बता दें कि जोशीमठ में मकानों में दरारें आ गई हैं और लोग ठंड में डेरा डाले हुए हैं। यहां करीब 600 घरों और अन्य संरचनाओं में मिट्टी के खिसकने के कारण दरारें आ गई हैं। जमीन धंसने से मकानों में दरारें आने से दहशत का माहौल है।
तीर्थ और पर्यटक स्थल का द्वार है जोशीमठ
बता दें कि जोशीमठ बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार है और इसे उस स्थान के रूप में जाना जाता है जहां सदियों पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी।
समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क, जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं।
जोशीमठ में एक मंदिर शुक्रवार की शाम को ढह गया, जो एक साल से अधिक समय से अपने घरों की भारी दरार वाली दीवारों के बीच लगातार भय के साये में जी रहे निवासियों के लिए चिंता का विषय है। शहर के इलाके में घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी है।
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