Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद का बार्डर होने की वजह से लंबे समय से अटकी शाहबेरी रैंप योजना को आखिरकार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की मंजूरी मिल गई है। फ्लाईओवर का 200 मीटर लंबा रैंप गाजियाबाद की सीमा में उतरेगा, जिससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। रोजाना इस मार्ग से 2 लाख से अधिक लोग सफर करते है।
शासन को भेजा जा चुका है प्रस्ताव
फ्लाईओवर परियोजना को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राधिकरण जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा। शासन को बजट व निर्माण एजेंसी के चयन का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही एजेंसी का चयन होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
नोएडा एयरपोर्ट कनेक्टिविटी को मिलेगा बल
ग्रेटर नोएडा, नोएडा और गाजियाबाद के त्रिकोणीय क्षेत्र में स्थित शाहबेरी में ट्रैफिक दबाव लगातार बढ़ रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से पहले इस क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी देना आवश्यक हो गया है। फ्लाईओवर इसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस परियोजना में क्रॉसिंग रिपब्लिक के पास नाले को ढककर रैंप को उतारने की योजना है, ताकि वाहन सुगमता से आगे बढ़ सके।
एनएचएआई से मिल सकता है बजट
फ्लाईओवर का बजट और निर्माण एजेंसी तय करने की जिम्मेदारी शासन पर है। सूत्रों की मानें तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) इस परियोजना के लिए फंड उपलब्ध करा सकती है। जीडीए पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह इस परियोजना में वित्तीय सहयोग नहीं देगा।
आईआईटी रुड़की ने दी तकनीकी रिपोर्ट
फ्लाईओवर की तकनीकी रिपोर्ट आईआईटी रुड़की ने तैयार की है। रिपोर्ट में ट्रैफिक घनत्व, फ्लाईओवर की लंबाई, चैड़ाई (7.5 मीटर से अधिक) और संभावित रुकावटों का विश्लेषण किया गया है। इन सभी नियमों को ध्यान में रखकर ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
नहीं मिला जाम से छुटकारा
हाल ही में शाहबेरी मार्ग को हर ओर से सड़क चौड़ी किया गया था और कुछ कट बंद किए गए, लेकिन इससे ट्रैफिक की स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ। वर्तमान में इस मार्ग से लाखों वाहन गुजरते है। एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद यह संख्या और बढ़ेगी।
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