Shafiqur Rahman Barq Passes Away: देश के सबसे उम्रदराज सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। 93 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे काफी लंबे समय से बीमार थे, लेकिन इस महीने की शुरुआत में तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते उन्हें मुरादाबाद के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मंगलवार 27 फरवरी की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। बर्क अपने राजनीतिक करियर में 9 बार चुनाव जीत चुके थे और इस बार फिर लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने वाले थे। उन्हें समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन ऐन मौके पर उनका निधन होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। 17वीं लोकसभा में वे सबसे ज्यादा उम्र के सांसद थे।
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हुआ
---विज्ञापन---Shafiqur Rahman Barq | #ShafiqurRahmanBarq pic.twitter.com/RhjCKH04ik
— News24 (@news24tvchannel) February 27, 2024
अखिलेश यादव ने जताया शोक
शफीकुर्रहमान बर्क के निधन की खबर की सूचना समाजवादी पार्टी ने पार्टी के ऑफिशियल X अकाउंट पर पोस्ट करके दी। साथ ही पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बर्क के निधन पर शोक भी व्यक्त किया। उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शफीकुर्रहमान बर्क साहब हमारा साथ छोड़कर चले गए हैं। कई बार सांसद रह चुके बर्क साहब का इंतकाल अत्यंत दुखद है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। शोकाकुल परिवार को दुख सहन करने की क्षमता प्रदान करे, भावभीनी श्रद्धांजलि।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल, अत्यंत दु:खद।
उनकी आत्मा को शांति दे भगवान।
शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहने का संबल प्राप्त हो।
भावभीनी श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/94zP5YZ9E9
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 27, 2024
पोती कर रही थीं बर्क का इलाज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शफीकुर्रहमान बर्क का 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में जन्मे थे। उनके परिवार में बेटा, पोता और पोती थे। उनका पोता विधायक है और पोती डॉक्टर हैं, जिनकी देखरेख में बर्क का इलाज चल रहा था, लेकिन उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
1996 में लड़ा था पहला लोकसभा चुनाव
शफीकुर्रहमान बर्क 4 बार विधायक और 5 बार लोकसभा सांसद रहे। उन्होंने साल 1996 में समाजवादी पार्टी की तरफ से मुरादाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और वे चुनाव जीत गए थे। दूसरी बार 1998 में और तीसरी बार 2004 में भी समाजवादी पार्टी की टिकट पर मुरादाबाद सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते।
2009 में उन्होंने बसपा की टिकट से संभल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए थे। 2019 में वे समाजवादी पार्टी में लौट आए और संभल से लोकसभा चुनाव 2019 लड़ा। इस बार भी समाजवादी पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट दिया था।