Sawan Dusra Somvar 2023: आज सावन का दूसरा सोमवार है। लिहाजा देशभर के शिव मंदिरों में सुबह से ही जल चढ़ाने के लिए भक्तों का तांता लग गया। उज्जैन में महाकाल, ओंकारेश्वर, उत्तर प्रदेश के काशी में बाबा विश्वनाथ समेत भी शिवालयों में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। वहीं गंगा घाटों पर भी खासी भीड़ देखने को मिली।
हर की पौड़ी पर गंगा में भक्तों ने लगाई डुबकी
उत्तराखंड में सावन के दौरान कई राज्यों के लोग गंगा जल लेने के लिए पहुंचते हैं। सावन का दूसरा सोमवार होने के साथ-साथ सोमवती अमावस्ता भी है। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान लाखों श्रद्धालु देव भूमि में मौजूद रहे।
#WATCH | Varanasi, UP: Devotees offer prayers at the Kashi Vishwanath temple on second Monday of the month of Sawan pic.twitter.com/f3RTYpNdNP
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 17, 2023
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन के दूसरे सोमवार को गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। बताया गया है कि सीएम योगी ने सावन के पहले सोमवार पर भी गोरखपुर में पहुंच कर पूजा अर्चना की थी।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath offers prayers at Gorakhnath temple, on the second Monday of 'Sawan' month. pic.twitter.com/8YXrqtkgFz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 17, 2023
काशी और उज्जैन में भक्तों ने चढ़ाया जल
उधर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी (वाराणसी) में भी सावन के दूसरे सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। लाखों की संख्या में कांवड़िए और अन्य श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ पर जल चढ़ाया। इसके साथ ही पूजा अर्चना कर पुण्य कमाया। वह मध्य प्रदेश में उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही है।
#WATCH | Madhya Pradesh: Prayers being offered at Mahakaleshwar Temple in Ujjain, on the second Monday of 'Sawan' month. pic.twitter.com/NtZFdnOx8Z
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 16, 2023
शिव तांडव स्त्रोत का करें पाठ
आज सावन का दूसरा सोमवार है। माना जाता है कि इस दिन शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से भगवान शिव खुश होते हैं और भक्तों पर कृपा करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण भगवान शिव का परम भक्त था। वह शिव को इतना मानता था कि उन्हें लंका में स्थापित करना चाहता था।
इसलिए उसने एक कैलाश पर्वत को उठा लिया था। रावण को रोकने के लिए भगवान शिव ने कैलाश को अपने अंगूठे से दबा दिया था, जिससे रावण भी दब गया। कहा जाता है कि फिर रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्त्रोत की रचना की थी।