Sambhal Row: उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद को हरि मंदिर होने का दावा किया गया। जिसके बाद 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए एक टीम संभल पहुंची। सर्वे करने आई टीम पर वहां के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद हिंसा बढ़ गई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अदालत को बताया कि उनकी टीम को अतीत में जामा मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से मस्जिद का निरीक्षण करने से रोका गया था। इस दौरान भी टीम को काफी अवरोधों का सामना करना पड़ा था।
मस्जिद के ASI सर्वे की मुख्य बातें
सुप्रीम कोर्ट में ASI जो कि प्रतिवादी है उन्होंने WS यानी रिटन स्टेटमेंट जारी करके मस्जिद में हुए बदलाव, छेड़खानी को डिटेल में बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 26.6.2024 को ASI की एक टीम मेरठ मंडल ने शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया। इससे पहले 21.12.2023 को भी टीम निरीक्षण करने गई थी। वहां पर स्थानीय निवासी और वकील भी मौजूद थे। उन्होंने शाही मस्जिद में जाने से रोक दिया और संभल के डीएम की इजाजत लाने को कहा।
ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट भी है, प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट भी है… फिर रोज नए मंदिर मस्जिद विवाद खड़ा क्यों रहा है!
इसके बाद 27 फरवरी 2024 को ASI ने संभल जिलाधिकारी को लेटर लिखकर जानकारी दी और पुलिस सुरक्षा की मांग की, सुरक्षा की तैयारी के बाद 26.6.2024 को ASI की टीम पुलिस सुरक्षा के साथ मस्जिद में इंस्पेक्शन के लिए गई। टीके पहुंचते ही वहां पर भारी संख्या में स्थानीय निवासियों के साथ मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली और वकील पहुंच गए।
टीम के काम में बाधा
रिपोर्ट में बताया गया कि टीम के काम में बाधा डालने के लिए स्थानीय लोग और मस्जिद कमेटी के लोगो ने टीम के फोटो वीडियो बनाना शुरू कर दिए। ASI, मेरठ मंडल, मेरठ की टीम को मस्जिद के मेन गेट से बाई तरफ एक पुराना कुआ दिखा था। जिसको अब मस्जिद कमेटी ने ढक दिया है।
रिपोर्ट् में आगे बताया गया कि मस्जिद की सीढ़ी के दोनों तरफ स्टील की एक रेलिंग बनी है। जिसको लेकर 19.01.2018 में आगरा मंडल ने कोतवाली संभल में FIR दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 23.1.2018 को पुरारत्व विभाग, आगरा मंडल ने जिला अधिकारी संभल को रेलिंग तोड़ने करने का आदेश दिया, जो अभी लंबित है।
मस्जिद के केंद्र में एक हौज बना है, जो नमाजियों के इस्तेमाल के लिए है। इसको भी पत्थर लगाकर नए तौर पर बनाया गया। आगे बताया गया कि मस्जिद के अंदर आते ही जमीन पर लाल बलुआ पीठ 4, संगमरमर और ग्रेनाइट से पुराना फर्श बदलकर उसको भी नया बना दिया गया।
वर्तमान में मस्जिद को पूरी तरह कमेटी ने इनेमल पेंट की मोटी परत से पेंट किया हुआ है। साथ ही प्लास्टर ऑफ पेरिस का भी इस्तेमाल किया गया है। जिसमे मस्जिद का असल स्वरूप नहीं दिख रहा है। इसके अलावा पश्चिम की तरफ 2 चैम्बर जो छोटे कमरे नुमा बने हैं। मस्जिद के ऊपर के हिस्से में 1 चैम्बर है, जिसमें पुरानी छत के वास्तविक अवशेष दिख जाते हैं। बाकी के कमरे आमतौर पर बंद रहते हैं।
ये भी पढ़ें: Video: संभल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ? प्रभाकर मिश्रा से समझिए