UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपने कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और नेताओं के लिए एक बड़ा निर्देश जारी किया है। पार्टी की ओर से अपने पदाधिकारियों को कहा गया है कि टीवी चैनलों पर सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर होने वाली बहस में बयान देने से बचें।
इसमें कहा गया है कि पार्टी के नेताओं को भाजपा के बहकावे में नहीं आना चाहिए, जो बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।
पार्टी राष्ट्रीय सचिव ने जारी किया पत्र
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी की ओर से एक पत्र पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंटल से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं, पदाधिकारियों और टीवी पैनलिस्टों को टीवी चैनलों पर चर्चा के दौरान सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से परहेज करने की सलाह दी है।
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भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा लगातार धार्मिक मामलों को उठाकर बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। इसलिए सपा नेताओं को धर्म से जुड़ी बहस में शामिल नहीं होना चाहिए। पत्र में राजेंद्र चौधरी ने कहा कि महंगाई अपने चरम पर है। बेरोजगारी दर बढ़ रही है। भ्रष्टाचार है। किसान और युवा सहित समाज का हर वर्ग परेशान है।
धर्म एक संवेदनशील मुद्दाः राजेंद्र चौधरी
महिलाएं और लड़कियां अपमानित हैं। राज्य (उत्तर प्रदेश) में अराजकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। हमें इस बहकावे में नहीं आना चाहिए। राजेंद्र चौधरी ने कहा कि धर्म एक संवेदनशील मुद्दा है और पार्टी के नेताओं को इसमें अनावश्यक रूप से शामिल नहीं होना चाहिए।
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स्वमी प्रसाद मौर्य को लेकर गर्म है माहौल
उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि सपा राम मनोहर लोहिया के आदर्शों से प्रेरणा लेकर लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में विश्वास करती है। बता दें कि रामचरितमानस पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद से पार्टी भाजपा और हिंदू संगठनों के निशाने पर है।