संघ प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को वाराणसी में थे। यहां उन्होंने अक्षय तृतीया पर 125 जोड़ों की शादी में शामिल हुए। इस दौरान भागवत ने आदिवासी कन्या के पैर धोए। पिता की तरह कन्यादान किया और शगुन में 501 रुपये भी दिए। इस दौरान दुल्हे ने भी भागवत के पैर छुए और आशीर्वाद लिया। संघ प्रमुख ने दूल्हे से कहा, जाओ अच्छे से कमाना और बेटी को खुश रखना। उसका ख्याल रखना। विवाह समारोह के लिए संकुल धारा पोखरा पर 125 मंडप बनाए गए। इसमें दलित-ओबीसी और सवर्ण सभी वर्गों के जोड़े शामिल हुए।
साल में एक बार कन्यादान जरूर करना चाहिए
बता दें कि वाराणसी में हुए इस सामूहिक विवाह समारेाह में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी भी पहुंचे। सभी दूल्हे रथ पर सवार होकर मंडम में पहुंचे। इस दौरान वर-वधु ने 7 जन्मों के बंधन की कसमें खाई। जिस बेटी का कन्यादान मोहन भागवत ने किया वो सोनभद्र के रेणुकोट की रहने वाली रजवंती हैं। उनके पिता ने कहा कि रेणुकोट के रहने वाले अमन के साथ उसकी शादी हुई है।
संघ प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति दुनिया में मार्गदर्शन का केंद्र बिंदु रही है। भारत दुनिया में विश्व गुरु के स्थान पर है। आज एक बार फिर से दुनिया, भारत की रीति, नीति, परंपरा, संस्कृति की ओर आकर्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि साल में एक बार कन्यादान का पुण्य काम जरूर करना चाहिए।
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आसपास के जिलों के जोड़े हुए शामिल
विदाई में सभी जोड़ों को एक साइकिल, सिलाई मशीन, पायल, बिछिया, 2 साड़ी और दूल्हे को कपड़े दिए गए। समारोह में मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, भदोही के जोड़े शामिल हुए। गौरतलब है कि एक महीने पहले भी संघ प्रमुख वाराणसी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान का संदेश दिया। संघ को अभी भी लगता है कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को नुकसान सपा की पीडीए रणनीति से हुआ था। ऐसे में अब संघ अपना पूरा फोकस दलितों पर कर रहा है।
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