समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने संसद में राणा सांगा पर टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। राणा सांगा के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सदन की गरिमा और इतिहास के महान व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। वहीं, भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सपा के कुछ नेताओं के शरीर में दैत्याचार्य शुक्र की आत्मा घुस गई है।
क्या बोले बृजभूषण शरण सिंह?
एक वीडियो जारी कर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि लगता है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं के शरीर में दैत्यगुरु शुक्राचार्य की आत्मा बसी हुई है। इस बयान का क्या परिणाम होगा, इसकी चिंता सांगा के परिवार और राजपूत समाज को करने की जरूरत नहीं है। शुक्राचार्य के बताए रास्ते पर चलने से रावण का अंत हुआ था।
उन्होंने कहा कि शुक्राचार्य की आत्मा मुंबई में घुस जाती है। सब कुछ ठीक चल रहा था, अब कई बार के सांसद सुमन जी के अंदर घुस गई है। वह इतिहास के बड़े जानकार हैं, लेकिन अगर उन्हें कहीं से जानकारी मिली है कि बाबर को राणा सांगा ने आमंत्रित किया था, तो उन्हें यह भी देखना चाहिए कि दौलत खान लोदी ने क्या किया था और इब्राहिम लोदी के विरोध में उसकी क्या भूमिका थी।
राणा सांगा विवाद पर मेरी प्रतिक्रिया… pic.twitter.com/z5mNnszKpt
---विज्ञापन---— BrijBhushan Sharan Singh (Modi ka Parivar) (@b_bhushansharan) March 23, 2025
‘समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ेगा खामियाजा’
बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि इतिहास में बहुत कुछ देखने को मिलता है, लेकिन जिस बयान से किसी जाति या समाज को तकलीफ पहुंचे, ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। राणा सांगा देशभक्त थे, शिवाजी देशभक्त थे या नहीं? सांभाजी महाराज देशभक्त थे या नहीं? झांसी की रानी देशभक्त थीं या नहीं? इसके लिए किसी से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। सुमन जी को अपना बयान वापस लेना चाहिए, वरना इसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ेगा।
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वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रामजी लाल सुमन का समर्थन करते हुए कहा कि हर कोई इतिहास के पन्ने पलट रहा है। भाजपा के नेता औरंगजेब के बारे में बहस करना चाहते हैं, तो रामजी लाल सुमन ने भी इतिहास का वह पन्ना पलट दिया, जहां ऐसा कुछ लिखा हुआ था। हमने 100-200 साल पहले का इतिहास नहीं लिखा था।