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Ram Mandir Inauguration: क्या आप भी 22 जनवरी को अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं? पढ़ लें प्रशासन की यह गाइडलाइन

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन कोई भी ट्रेन नहीं रुकेगी। बसों का प्रवेश भी दो दिन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jan 13, 2024 23:38
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Ram Mandir inauguration ayodhya
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या नहीं रुकेगी कोई ट्रेन

Ram Mandir Inauguration No Trains Will Stop In Ayodhya Dham Railway Station on January 22: (लखनऊ से अशोक कुमार तिवारी की रिपोर्ट) धर्म नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होने जा रहा है। लोगों से उस दिन अयोध्या न आने की अपील भी की गई है, लेकिन भीड़ को रोकने के लिए कुछ इंतजाम प्रशासन की तरफ से भी किए जा रहे हैं। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने रेलवे प्रशासन से इसका अनुरोध किया था, जिसे मान लिया गया है। यही नहीं, 21 और 22 जनवरी को रोडवेज की बसें भी अयोध्या में प्रवेश नहीं कर पाएंगी।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने की तैयारी

मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस प्रशासन ने प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को सफल बनाने के लिए रूट डायवर्जन का भी प्लान तैयार कर रखा है। दरअसल, ये सब इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि एक तरफ भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। वहीं, दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन या बस अड्डों पर भी बाहर से आने वाली भीड़ को कम किया जा सके। इसीलिए उस दिन अयोध्या होकर जाने वाली बसों को दूसरे रूट से होकर भेजा जाएगा।

नागर शैली में बनाया जा रहा राम मंदिर

बता दें कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है। इस तीन मंजिला मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट,  चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट रहेगी। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप  और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।

सिंहद्वार से होगा मंदिर में प्रवेश 

राम मंदिर में 5 मंडप होंगे, जिनके नाम नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप होगा। मंदिर के खंभों और दीवारों में देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। मंदिर में प्रवेश सिंहद्वार से होगा। मंदिर में लोहे का  प्रयोग नहीं किया गया है। इसकी जगह मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट यानी RCC बिछाई गई है, जिसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।

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First published on: Jan 13, 2024 11:38 PM
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