दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार
Rajya Sabha Election 2024 UP Samajwadi Party: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव 2024 रोचक मोड पर पहुंच गया है। इसके पीछे भाजपा के 8वें प्रत्याशी संजय सेठ हैं, जो अंतिम समय में चुनावी मैदान में कूदे हैं और चुनाव को रोचक बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा-सपा की रणनीति पर तो लोगों की नजर है ही, जयंत चौधरी और ओम प्रकाश जैसे नेताओं की भी तगड़ी परीक्षा होनी है, जो हाल ही में सपा का साथ छोड़कर भाजपा या NDA के साथ आए हैं।
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होने थे। 7 प्रत्याशी भाजपा ने तथा 3 प्रत्याशी समाजवादी पार्टी ने उतार दिए। सभी ने नामांकन भी कर दिया। माना जा रहा था कि चुनाव में वोट की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अंतिम समय में भाजपा ने 8वें प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ के नाम की घोषणा करके चुनाव को रोचक बना दिया है। यह भी तय कर दिया कि आगामी 27 फरवरी को मतदान होगा। राज्यसभा की एक सीट के लिए उत्तर प्रदेश में 37 विधायक होने जरूरी हैं।
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---विज्ञापन---Former UP Chief Secretary to go to Rajya Sabha
Alok Ranjan former Chief Secretary of UP has been nominated by the Samajwadi Party for Rajya Sabha. 1978 batch IAS officer Alok Ranjan was Chief Secretary when Akhilesh Yadav was the Chief Minister.
.… pic.twitter.com/oFk2bvHqjL— Whispers In The Corridors (@whispersinthec) February 15, 2024
समाजवादी पार्टी के पास वोटों का आंकड़ा
वहीं संजय सेठ के नामांकन करने के साथ ही एक बात तय हो गई है कि राज्यसभा के इस चुनाव में खेला भी होगा, क्योंकि सरेदस्त जो नंबर हैं, उसके मुताबिक 3 सीटों को जीतने के लिए समाजवादी पार्टी को कुल 111 विधायकों के वोट की जरूरत है। मतलब एक के लिए 37 और इस समय समाजवादी पार्टी के पास यह संख्या नहीं है। विधानसभा चुनाव में 111 विधायक चुनकर आए थे। बलरामपुर जिले से आने वाले विधायक डॉ एसपी यादव नहीं रहे। आजम खान और अब्दुल्ला आजम की सदस्यता चली गई। इस तरह 3 विधायक कम हो गए। अब यह संख्या बचती है 108, जिनमें से इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव जेल में हैं। उनका वोट पड़ने की संभावना न के बराबर है। इस तरह 106 मत समाजवादी पार्टी के पास हैं।
Thanks to Akhilesh Yadav ji National president for nominating me to the Rajya Sabha https://t.co/4KIFpHYgOc
— Alok Ranjan (@AlokRanjanIAS) February 14, 2024
भाजपा के पास वोटों का आंकड़ा
8 कैंडिडेट्स को राज्यसभा भेजने के लिए भारतीय जनता पार्टी को कुल 296 विधायकों की जरूरत है और उसके पास अभी केलव 286 विधायक हैं। इसमें गठबंधन के विधायक भी शामिल हैं। इस तरह समाजवादी पार्टी को अपने तीनों कैंडिडेट्स जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और आलोक रंजन को जिताने को पांच वोट और चाहिए। जेल में बंद इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव का वोट नहीं पड़ पाएगा। इस तरह जरूरी वोट 7 बनते हैं। इंडिया गठबंधन के हिसाब से सोचें तो कांग्रेस के 4 विधायक सपा कैंडिडेट्स को वोट दे सकते हैं, पर जो जानकारियां छनकर सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक पार्टी के चाहने के बावजूद कांग्रेस विधायकों वीरेंद्र सिंह और मोना तिवारी का वोट समाजवादी पार्टी को नहीं मिलने जा रहा। कहने की जरूरत नहीं है कि यह वोट कहां जाएगा?
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कांग्रेस के विधायक कर सकते हैं ‘खेला’
भारतीय जनता पार्टी को अपने सभी आठों कैंडिडेट्स को जिताकर भेजने के लिए 9 विधायकों की जरूरत है। 287 वोट भाजपा के पास हैं। हालांकि, राजभर के दल से विधायक अब्बास अंसारी भी जेल में हैं तो वोट उनका भी नहीं पड़ेगा। अगर भाजपा इस एक वोट का लालच करेगी तो सपा के भी 2 वोट बढ़ जाएंगे, लेकिन राजा भैया के 2 विधायक, अपना दल सोनेलाल के 13 विधायक, संजय निषाद के 6 विधायक, जयंत चौधरी के 9 विधायक, राजभर के 5 विधायक एकजुट होकर वोट करेंगे। भाजपा का 8वां प्रत्याशी फिर भी नहीं जीतेगा।
जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक खेला यह है कि कांग्रेस के करीब 6 विधायक पार्टी लाइन से हटकर वोट करेंगे। यह सभी अपने नेतृत्व से दुखी हैं और किसी न किसी रूप में CM योगी आदित्यनाथ से खुश हैं। क्योंकि उन्होंने उनकी मदद की, जबकि अखिलेश यादव उनके साथ नहीं खड़े हुए। कांग्रेस के दोनों विधायक भाजपा कैंडिडेट को वोट दे सकते हैं। बसपा के एक मात्र विधायक ने भाजपा को समर्थन का वादा कर रखा है। इस तरह जो 9 वोट भाजपा को चाहिए, वे आसानी से जुटते हुए दिख रहे हैं।
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ऊंट किस करवट बैठेगा, यह वक्त बताएगा
एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि संजय सेठ समाजवादी पार्टी के साथ रहे हैं। राज्यसभा भी भेजे गए थे। उनके रिश्ते इस दल में सबसे हैं। शासन, सत्ता के प्रभाव के अलावा संजय सेठ एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो भांति-भांति के तरीकों से किसी विधायक को उपकृत भी कर सकते हैं। ऐसे में पूरी संभावना इस बात की है कि समाजवादी पार्टी का एक कैंडिडेट चुनाव हारेगा और भाजपा के 8वें कैंडिडेट संजय सेठ चुनाव जीत सकते हैं। अब किसी के मन में सवाल उठ सकता है कि समाजवादी पार्टी का कौन-सा कैंडिडेट चुनाव हारेगा, जया बच्चन, रामजी लाल सुमन या आलोक रंजन? तो यह फैसला सपा के रणनीतिकारों अखिलेश यादव तथा राम गोपाल यादव को लेना है। पहले दोनों कैंडिडेट यादव के समर्थक माने जाते हैं और आलोक रंजन, अखिलेश यादव की पसंद है। अब यह देखना भी रोचक होगा कि यहां ऊंट किस करवट बैठेगा?