Raja Raghuvanshi Murder Case : मेघालय में हनीमून मनाने गए राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस ने पत्नी सोनम समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया। शिलॉन्ग पुलिस ने गाजीपुर पहुंचकर सोनम को पकड़ा और अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेने की तैयारी चल रही है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर ये ट्रांजिट रिमांड क्या होती है?
ट्रांजिट रिमांड एक प्रकार से कोर्ट का आदेश है। जब पुलिस को गिरफ्तार आरोपी को हिरासत में लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना होता है तब अदालत से इसकी अनुमति मांगी जाती है। अगर आसान शब्दों में समझें तो एक राज्य से दूसरे राज्य में आरोपी को लेकर जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड की जरूरत पड़ती है।
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क्या होती है ट्रांजिट रिमांड की प्रक्रिया?
ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट की मंजूरी जरूरी होती है। यह मंजूरी वो अदालत देती है, जहां आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट की ओर से ट्रांजिट रिमांड देते समय यह तय की जाती है कि कानून के तहत आरोपी की गिरफ्तारी हो और आरोपी के अधिकारों का उल्लंघन न हो। आमतौर पर 1 से 3 दिन तक ट्रांजिट रिमांड होती है, ताकि जांच करने के बाद पुलिस फिर से आरोपी को अदालत में पेश कर सके।
राजा रघुवंशी हत्याकांड में क्यों जरूरी है ट्रांजिट रिमांड?
मेघालय में इंदौर कपल राजा और सोनम रघुवंशी के लापता होने की खबर सामने आई थी। इसके बाद राजा रघुवंशी का मर्डर हो गया और इसका मुकदमा शिलॉन्ग में दर्ज है। ऐसे में यूपी के गाजीपुर से गिरफ्तार सोनम रघुवंशी को शिलॉन्ग ले जाने के लिए मेघालय पुलिस आ चुकी है। सोनम को गाजीपुर से पटना होते हुए शिलांग ले जाया जाएगा। मेघालय पुलिस सोनम का मेडिकल कराने लेकर निकल चुकी है।
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