Noida News: नोएडा के एक कॉल सेंटर पर हुई पुलिस रेड असल में एक सुनियोजित साजिश थी, जिसे अंजाम देने वाले कोई फर्जी पुलिसकर्मी नहीं बल्कि पंजाब पुलिस के असली जवान थे. हैरानी की बात यह रही कि इस रेड में खुद पंजाब के खन्ना साइबर क्राइम थाने के हेड कांस्टेबल, एएसआई और अन्य कर्मी शामिल थे. पंजाब के पुलिसकर्मियों ने अफसर बनकर न केवल रेड की बल्कि नोएडा से तीन कारोबारियों का अपहरण कर उन्हें पंजाब ले जाकर 10 करोड़ की फिरौती की मांग कर डाली.
हेड कांस्टेबल बन गया SP
सूत्रों के मुताबिक इस गिरोह ने बाकायदा योजना बनाकर नोएडा के कॉल सेंटर को निशाना बनाया. फर्जी रेड की अगुवाई कर रहे थे हेड कांस्टेबल बलविंदर सिंह खुद को एसपी बताकर पहुंचे. उसके साथ मौजूद एएसआई कुलदीप सिंह ने नकली डीएसपी, जबकि एक निजी व्यक्ति को डीआईजी की भूमिका दी गई. एक अन्य हथियारबंद शख्स बलविंदर का गनर बताया गया. यह व्यक्ति पंजाब के एक विधायक का करीबी बताया गया है.
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फिरौती में मांगे 10 करोड़
पीड़ित कारोबारी तरुण अग्रवाल, हेरत शाह और थुराई राज ने बताया कि 15 सितंबर की रात करीब 10 बजे जब वे अपने दफ्तर में काम कर रहे थे तभी 4 लोग वर्दी और हथियारों के साथ वहां पहुंचे. उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप जब्त कर लिए गए. कर्मचारियों को किनारे कर तीनों को दो गाड़ियों (काली एमजी हेक्टर व काली किया सेल्टोस) में बैठा कर लुधियाना ले जाया गया. सुबह 4 बजे तक उन्हें साहनेवाल के ढाबे के कमरे में बंधक बनाकर रखा गया और कहा गया कि उनके खिलाफ चंडीगढ़ साइबर में शिकायत है. फिर 10 करोड़ रुपये सेटलमेंट के लिए मांगे गए.
थाने पर खुली पोल
साहनेवाल थाने में पहुंचते ही तरुण अग्रवाल ने पूरी कहानी खोल दी जिससे हड़कंप मच गया. मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा और तब जाकर इस पूरे प्रकरण का भंडाफोड़ हुआ. जांच में सामने आया कि तरुण और उसके साथियों से यूएस डॉलर 1 लाख के गिफ्ट कार्ड, मोबाइल फोन और घड़ी भी लूट ली गई थी.
एफआईआर हुई दर्ज
एसआई नरपिंदर पाल सिंह की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय 319 (अवैध गिरफ्तारी) 140 (पुलिस पद का झूठा दावा) 3(5) और 318(4) (अगवा करके फिरौती) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में बलविंदर सिंह (हेड कांस्टेबल) कुलदीप सिंह (एएसआई) गगनदीप सिंह उर्फ एप्पल, करनदीप सिंह और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
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