गाजियाबाद के निवाड़ी कस्बे में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक खूंखार पिटबुल कुत्ते ने खेलते हुए मासूम बच्चे पर हमला कर दिया। बच्चा बुरी तरह घायल हो गया और लोगों की चीख-पुकार मच गई। ये हादसा तब हुआ जब बच्चा अपने घर के बाहर खेल रहा था और पड़ोसी का बेटा पिटबुल को घुमा रहा था। अचानक कुत्ता बेकाबू हो गया और बच्चे पर टूट पड़ा। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया है। लोग डरे हुए हैं और सवाल कर रहे हैं कि ऐसे खतरनाक जानवर को बस्ती में क्यों पाला गया?
खेलते वक्त पिटबुल ने बच्चे पर किया जानलेवा हमला
गाजियाबाद के थाना निवाड़ी क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिटबुल कुत्ते ने घर के बाहर खेल रहे एक मासूम बच्चे पर जानलेवा हमला कर दिया। ये मामला कस्बा निवाड़ी का है, जहां 6वीं कक्षा में पढ़ने वाला दिव्यांश नाम का बच्चा अपने घर के बाहर खेल रहा था। उसी समय उसके पड़ोसी श्रीनिवास त्यागी का बेटा मयंक त्यागी अपने पिटबुल कुत्ते को घुमा रहा था। अचानक ही कुत्ता बेकाबू हो गया और सीधा दिव्यांश पर टूट पड़ा। पिटबुल ने बच्चे के शरीर को बुरी तरह नोच डाला और उसके प्राइवेट पार्ट पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
मोहल्ले वालों ने बच्चे को बचाया
घटना के बाद मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने किसी तरह हिम्मत दिखाकर पिटबुल को बच्चे से अलग किया और घायल दिव्यांश को तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है और इलाज जारी है। इस खतरनाक हमले से मोहल्ले में डर का माहौल है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार इतने खतरनाक जानवर को खुलेआम क्यों घुमाया जा रहा था।
शिकायत करने पर पिता पर किया गया हमला
इस घटना से गुस्साए दिव्यांश के पिता मनोज त्यागी ने जब कुत्ते के मालिक श्रीनिवास त्यागी से शिकायत की तो बात और बिगड़ गई। आरोप है कि श्रीनिवास त्यागी और उसका बेटा मयंक ने उल्टा मनोज त्यागी पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव करके मनोज को बचाया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद मनोज त्यागी ने निवाड़ी थाने में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए श्रीनिवास त्यागी और मयंक त्यागी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस में केस दर्ज, सख्त कार्रवाई की मांग
पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच पीड़ित परिवार और मोहल्ले के लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि खतरनाक नस्ल के पालतू जानवरों को लेकर सख्त नियम बनाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। दिव्यांश और उसके परिवार की हालत देखकर हर कोई दुखी और आक्रोशित है। मोहल्ले वालों ने प्रशासन से ऐसे जानवरों को बस्तियों से दूर रखने की अपील की है।