---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

पतंजलि का विजन भारत के उद्योग जगत में कैसे ला रहा है क्रांतिकारी बदलाव?

पतंजलि आयुर्वेद ने भारतीय बाजार ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी मार्केट वैल्यू को बढ़ाया है। कंपनी का उद्योग इस स्तर पर ऊपर उठा कि देश में नई क्रांति का रूप बनकर उभरी। कंपनी की नई सोच भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दे रही है, जो देश के विकास में अहम कदम है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 22, 2025 13:55
Patanjali News
Patanjali News

पतंजलि आयुर्वेद सिर्फ एक FMCG ब्रांड नहीं है, बल्कि यह एक विजन है, जो भारत को आत्मनिर्भर, स्वदेशी और संस्कारयुक्त अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का कार्य कर रही है। योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में पतंजलि ने भारतीय उद्योग जगत में एक नई क्रांति लाने का काम किया है,जो ऊंचे स्तरों पर देखा जा सकता है। यह संगठन व्यापार और अध्यात्म का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो भारत में पहली बार देखने को मिला था। स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा स्थापित कंपनी का विजन सिर्फ प्रोडक्ट्स की बिक्री नहीं है, बल्कि इसका सबसे बड़ा महत्व यह है कि पतंजलि किसानों की आय वृद्धि में भी सकारात्मक तरीके से बदलाव और मदद कर रहा है। कंपनी गरीब और ग्रामीण इलाकों के बच्चों की पढ़ाई का भी बीड़ा उठा रही है। आइए जानते हैं उनके विजन के बारे में।

1. स्वदेशी आंदोलन की शक्ल

---विज्ञापन---

जहां बाकी ब्रांड्स विदेशी मॉडल अपनाते हैं, वहीं पतंजलि ने “स्वदेशी अपनाओ” को एक व्यापारी मंत्र के रूप में इस्तेमाल किया है। इस विजन ने भारतीय उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाया कि आयुर्वेद और देशी उत्पाद भी आधुनिक और विश्वस्तरीय पैमाने पर पहुंच सकते हैं।

ये भी पढ़ें- Patanjali ने MSME को दी नई ताकत, छोटे उद्योग हुए सशक्त

---विज्ञापन---

2. आयुर्वेदिक उद्योग को बढ़ावा

कंपनी ने आयुर्वेद को सिर्फ दवा और औषधि तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि उसे किचन से लेकर बाथरूम तक लाने का सफर तय किया है। टूथपेस्ट से लेकर फेस वॉश तक, पतंजलि ने आयुर्वेदिक उत्पादों को रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को एक हर्बल ऑप्शन प्रोवाइड किया है, जो किफायती और असरदार दोनों ही हैं।

3. रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

पतंजलि का विजन सिर्फ कंपनी के लिए लाभ कमाना नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करना भी है। कंपनी किसानों से जड़ी-बूटियां खरीद कर और हजारों युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार देकर गांव से शहर तक विकास की ओर देश को ले जा रही है।

4. उद्योग में आत्मनिर्भरता

‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को पतंजलि ने बहुत पहले से अपनाया है। अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से लेकर रिसर्च लैब्स तक, पतंजलि ने भारतीय तकनीक, रिसोर्स और टैलेंट पर भरोसा जताया और आत्मनिर्भरता को सही तरीके से बढ़ावा दिया है।

5. ब्रांडिंग में देशप्रेम

पतंजलि का मार्केटिंग और ब्रांडिंग पूरी तरह भारतीय संस्कृति पर आधारित होता है। संस्कृत नाम, रंग, योग और वेदों के हवाले से एड्स का निर्माण किया जाता है। इसने उपभोक्ताओं के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव बनाया, जो किसी भी विदेशी ब्रांड के लिए मुश्किल है।

ये भी पढ़ें-सेहत भी, सेवा भी… पतंजलि का यह प्रोडक्ट्स जो बदल रहा समाज

HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 22, 2025 01:55 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें