Pahalgam Terror Attack/ पंकज कौशिक: 22 अप्रैल की दोपहर करीब 3 बजे पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए करनाल निवासी विनय नरवाल का अंतिम संस्कार बीते दिन पूरे विधि-विधान के साथ हो गया। विनय को मुखाग्नि उनकी छोटी बहन ने दी। पूरा परिवार शोक में है और देशवासी भी गमगीन हैं। वहीं उनकी नवविवाहिता का बुरा हाल है। विनय की अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पूरे रीति-रिवाज के साथ कर दिया गया है। विनय नरवाल के तीर्थ पुरोहित पंडित मनोज शर्मा ने बताया कि विनय के परिवार वाले उनकी अस्थियों को लेकर आज हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उनकी अस्थियों का विसर्जन कर दिया गया है। उन्होंने इस दुखद घड़ी में भगवान से प्रार्थना की कि उनके परिवार वालों को दुख को झेलने की शक्ति दे।
16 अप्रैल को हुई थी शादी
विनय नरवाल की शादी 16 अप्रैल को हुई थी और 19 अप्रैल को रिसेप्शन हुआ था। विनय अपनी पत्नी के साथ कश्मीर के पहलगाम में हनीमून मनाने के लिए गया था। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि उनके साथ ऐसा हो जाएगा। मूलरूप से हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले नरवाल ने दो साल पहले ही नौसेना में नौकरी शुरू की थी।
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कोच्चि में तैनात थे विनय
विनय की उम्र सिर्फ 26 साल थी और वो मौजूदा समय में कोच्चि में तैनात थे। विनय नरवाल को आतंकियों ने छाती, गले और उल्टी बाजू के पास गोलियां मारी थी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। हालांकि विनय की बहन ने कहा था कि उसका भाई डेढ़ घंटे तक जिंदा था अगर उसे कोई मदद मिलती तो वो बच सकता था। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजुर था और नई नवेली दुल्हन विधवा हो गई।
पत्नी के सामने मारा पति को
विनय की पत्नी हिमांशी का कहना है कि वो तो अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी और विनय मैगी खा रहे थे। तभी पीछे से कोई आया और उसने उनसे कहा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान। जैसे ही विनय ने कहा कि वो हिंदू है तो आतंकियों ने उसे तीन गोली मार दी। विनय की पत्नी ने कहा कि उसने लोगों से मदद मांगी लेकिन वहां कोई भी इस हालत में नहीं था कि उनकी मदद कर सके।
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