Noida News: ग्रेटर नोएडा में शनिवार को टॉयलेट की सीट फटने से युवक के घायल होने की जांच IIT के विशेषज्ञों से कराई जाएगी। लोगों के गुस्से को देखते हुए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यह फैसला लिया है। दूसरी ओर, घायल की हालत में मामूली सुधार है। बताया जा रहा है कि युवक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
फ्लश बटन दबाते ही हो गया ब्लास्ट
सेक्टर-36 के मकान नंबर सी-364 में सुनील प्रधान अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनका 20 वर्षीय बेटा आशू नागर शनिवार दोपहर टॉयलेट गया था। शौच के बाद जैसे ही उसने वेस्टर्न टॉयलेट सीट का फ्लश बटन दबाया तो सीट फट गई और आग की लपटें उठने लगीं। ब्लास्ट होने से आशू का चेहरा, हाथ, पैरा और दूसरे अंग बुरी तरह से झुलस गए। अथॉरिटी के वरिष्ठ प्रबंधक एपी वर्मा का कहना है कि टॉयलेट की सीट फटने से युवक के घायल होने की घटना असामान्य है। इस तरह की यह पहली घटना है। घटना के बाद टीम ने सेक्टर और उसके आसपास की सीवर लाइन की जांच की, लेकिन किसी तरह की कमी नहीं मिली।
मीथेन गैस से नहीं हुआ ब्लास्ट
उनका कहना है कि सीवर भी ओवरफ्लो नहीं हो रहा, ताकि मीथेन गैस अधिक मात्रा में बन सके। मकान के अंदर भी गैस बाहर निकालने के लिए वेंट पाइप लगा है। अगर मीथेन गैस की वजह से विस्फोट हुआ होता तो आसपास के घरों में भी समस्या होती। IIT के विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी। वहीं युवक की हालत में सुधार परिजनों के मुताबिक टॉयलेट में विस्फोट होने से घायल आशु की हालत में मामूली सुधार हुआ है।
मीथेन गैस से टॉयलेट की सीट फटी
पीड़ित युवक के पिता सुनील प्रधान का कहना है कि अथॉरिटी की टीम उनके घर जांच करने नहीं आई। उन्होंने आशंका जताई है कि मीथेन गैस से टॉयलेट की सीट फटी है। उनका कहना है कि लोगों ने गली में सीवर के ढक्कन रैंप के नीचे दबा दिए हैं, जिसके चलते गैस निकलने के लिए जगह नहीं मिल रही। हादसा की वजह यह भी हो सकती है।