Noida-Greater Noida Expressway: यातायात प्रभावित न हो इसके लिए कई जगह पर सड़कें और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में भी कई बड़े एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। हाल ही में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का सर्वे किया गया, जिसमें जिसमें कई कमियां सामने आईं। रात में विजिविलिटी की समस्या के अलावा साइनबोर्ड भी गायब मिले। इसको देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर काम कराने का फैसला किया है।
सर्वे में निकली कई कमियां
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का सर्वे शहरी और पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्रीय केंद्र ने किया। इस सर्वे में एक्सप्रेसवे पर कई कमियां सामने आईं। जिसमें रात में विजिविलिटी के लिए कैट्स आई रिफ्लेक्टर की कमी , ड्राइवरों को एंट्री और एग्जिट बिंदुओं के बारे में बताने वाले साइनबोर्ड नहीं हैं। साइनबोर्ड और जरूरी मार्करों न होने की वजह से कई जगह पर हादसे होने का खतरा बढ़ जाता है।
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नोएडा प्राधिकरण करेगा नवीनीकरण
प्राधिकरण ने एक्सप्रेसवे के सर्वे का काम RCUES को दिया था। उन्होंने यातायात और भीड़भाड़ को कम करने के लिए कई उपाय दिए गए। नोएडा प्राधिकरण के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर लोकेश एम का कहना है कि हम सर्वे में सुझाए गए उपाय पर काम करेंगे। इसका उद्देश्य 25 किलोमीटर लंबे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इन कमियों को भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) मैनुअल के मुताबिक ठीक किया जाएगा। जिसमें एक्सप्रेसवे के लिए लेन मार्किंग, क्रैश बैरियर, लाइटिंग और साइनबोर्ड लगाए जाएंगे। आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे शहर का प्रमुख मार्ग है, जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दर्जनों इलाकों को जोड़ने का काम करता है।
14 अगस्त 2024 को इस एक्सप्रेसवे पर एक हादसा हुआ, जिसमें तीन छात्रों की जान चली गई। इसके बाद ही नोएडा प्राधिकरण ने इस एक्सप्रेसवे का सर्वे करने का आदेश दिया। जिसका उद्देश्य एक्सप्रेसवे पर जो भी कमिया हैं उनको दूर करना था, ताकि आगे से इस तरह के हादसें न हों।
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