Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट में करीब 20 किमी तक सीवर लाइन क्षतिग्रस्त है। इस सीवर लाइन की मरम्मत का एमओयू उत्तर प्रदेश जल निगम के साथ साइन हुआ था। काम में देरी होने के चलते अथॉरिटी ने जल निगम से एमओयू निरस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि अब खुद नोएडा अथॉरिटी अब खुद की इस कार्य को कराएगा। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अथॉरिटी का दावा है कि साल के अंत तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा।
23 साल अथॉरिटी को आई याद
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, इस पूरे कार्य में 40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जबकि जल निगम को 63.36 करोड़ृ रुपये का ठेका दिया गया था। इस परियोजना के लिए वर्ष 2002 में नोएडा अथॉरिटी और उत्तर प्रदेश जल निगम के बीच 98.33 लाख रुपये का एमओयू साइन हुआ था, जिसे समय के साथ संशोधित कर बढ़ा दिया गया है। योजना के तहत एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 8 इंटरमीडियट सीवेज पंपिंग स्टेशन, 2 मास्टर पंपिंग स्टेशन और 20-20 किमी गहरी सीवर लाइन का निर्माण किया जाना था। इसके बाद वर्ष 2014 तक जल निगम को लाखों रुपये का भुगतान कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद इंटरमीडियट पंपिंग स्टेशन (आईपीएस) 1, 2, 5, 6 और गहरी सीवर लाइन, प्रेशर मेन लाइन की टेस्टिंग और हैंडओवर आज तक नहीं हुआ। जबकि एमओयू के अनुसार यह सभी कार्य आवश्यक थे, ताकि पूरे क्षेत्र का सीवेज शोधन एसटीपी-168 के माध्यम से हो सके। बताया जा रहा 23 साल बाद अथॉरिटी अब खुद इस कार्य करेगा।
मेट्रो लाइन के चलते सीवर लाइनें हुई क्षतिग्रस्त
अब तक एडवांट टावर (सेक्टर-142) से ग्रेटर नोएडा बॉर्डर तक निर्माण अधूरा है। केवल कुछ ग्रेविटी लाइन, राइजिंग लाइन और आरसीसी वेल बने हैं। इस बीच बने अंडरपास, एक्वा लाइन मेट्रो और डीएफसीसीआईएल की परियोजनाओं के चलते पहले से डाली गई सीवर लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं और अब पूरी तरह अक्रियाशील हैं। इससे ग्रीन बेल्ट में जगह-जगह सीवेज जमा हो रहा है, जिस पर एनजीटी और आईजीआरएस में कई बार शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। 2023 में हुई एक बैठक में जल निगम ने अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 63.36 करोड़ रुपये की मांग की और 1.5 वर्ष का समय भी चाहा, लेकिन तकनीकी विश्लेषण में सामने आया कि प्राधिकरण यदि इस कार्य को खुद कराए तो इसे 40 करोड़ रुपये में और केवल एक साल में पूरा किया जा सकता है।
साल के अंत तक काम होगा पूरा
नोएडा अथॉरिटी सीईओ डॉक्टर लोकेश एम का कहना है कि इस उत्तर प्रदेश जल निगम से हुए एमओयू को निरस्त कर दिया गया है। अथॉरिटी अब खुद ही एक्सप्रेसवे के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट में करीब 20 किमी तक क्षतिग्रस्त सीवर लाइन की मरम्मत कराएगा। सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इस साल के अंत तक काम पूरा करने का प्रयास रहेगा।