Noida News: नोएडा के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में मरीजों से इलाज के नाम पर पैसा वसूल करने के मामले सामने आते रहते हैं। इस बार अस्पताल के एक सफाईकर्मी ने इलाज के नाम पर एक मरीज के परिजन से 8 हजार रुपये की रिश्वत ले ली। भी एक डॉक्टर वहां पहुंच गए और सफाईकर्मी को पकड़ लिया। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी सफाईकर्मी को गिरफ्तार कर लिया।
जल्दी सर्जरी कराने के लिए मांगे 8 हजार रुपये
जिला अस्पताल में अशोक नामक एक व्यक्ति को हर्निया की सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया है। अशोक की बेटी पुलिस को बताया कि सर्जरी के लिए अस्पताल के अनिल कुमार ने उनसे 8 हजार रुपये की मांग की। जल्दी सर्जरी कराने के लिए उन्होंने अनिल को 8 हजार रुपये दे दिए। इस बीच मौके पर अस्पताल में तैनात डॉक्टर अशद पहुंच गए और अनिल को पकड़ लिया। आरोप है कि सफाईकर्मी ने मौके से भागने की भी कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया। बताया जा रहा है कि सीएमएस की सूचना पर थाना सेक्टर-39 पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी कर्मी को गिरफ्तार कर लिया।
डॉक्टर पर लगाया मारपीट करने का आरोप
वहीं, इस पूरे मामले में सफाईकर्मी अनिल ने डॉक्टर असद पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं डॉक्टर का कहना है कि सफाईकर्मी के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है। अनिल ने मरीज के परिजनों से पैसा लिया था। इसी वजह से उसे पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि अनिल ऐसे ही कई लोगों से इलाज के नाम पर पैसा वसूल चुका है।
लगातार मिल रही थी शिकायतें
इस संबंध में जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल का कहना है कि मरीजों से पैसे लेने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। ऑपेरशन और इलाज के नाम पर पैसे मांगे जा रहे थे। डॉक्टर ने सफाईकर्मी अनिल को रंगेहाथ मरीज के परिजनों से पैसा लेते हुए पकड़ा है। उन्होंने खुद पुलिस को मौके पर बुलाकर आरोपी कर्मी को गिरफ्तार करवाया है। आगे भी अगर कोई ऐसा मामला आता है तो कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।
हर्निया रोग क्या है?
बताया जाता है कि जब पेट की मसल्स कमजोर हो जाती है, और मांसपेशी या ऊत्तक में छेद के माध्यम से कोई अंग उभरकर बाहर की तरफ आने लगते है, तो उसे हर्निया कहते हैं। हर्निया की बीमारी सामान्य रूप से पेट में होती है, लेकिन यह नाभी, जांघ के उपरी हिस्से या कमर के आस-पास कही भी हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, हार्निया की समस्या जानलेवा नहीं होती है, कुछ मामलों में इसे सर्जरी के द्वारा ठीक करना पड़ता है।