Noida News: नोएडा में भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि बिजली की मांग ने बीते वर्ष का भी रिकार्ड तोड़ दिया है। मौजूदा समय में बिजली की मांग 2600 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो बीते वर्ष के सर्वाधिक 2500 मेगावाट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ चुकी है। इस बीच एक चौंका देने वाली बात सामने आई है। इस साल गर्मी में सबसे बुरा हाल बादलपुर, दादरी, दनकौर और रबूपुरा देहात क्षेत्रों का है। बादलपुर क्षेत्र में तो पिछले करीब 8 दिनों से बिजली नहीं आई है।
5 वर्षों में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज
बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार, भीषण गर्मी में बिजली की मांग और खपत बढ़ी है। बीते वर्ष के मुकाबले इस बार 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग दर्ज की गई है। आगे के दिनों में यह खपत और बढ़ने का अनुमान है। जिसके चलते मांग में और इजाफा होने की उम्मीद है। बीते 5 वर्षों में बिजली की मांग में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका सबसे बड़ा कारण शहर के बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है।
2020 से लगातार बढ़ रही है मांग
बताया जा रहा है कि वर्ष 2020 में नोएडा में बिजली की मांग करीब 1600 मेगावाट थी। 2025 में यह बढ़कर 2600 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस तेज वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। नोएडा में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या, नए आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं का विकास, और गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर जैसे बिजली उपकरणों का अत्यधिक उपयोग प्रमुख हैं। बिजली अधिकारियों का कहना है कि मांग में इस वृद्धि को पूरा करने के लिए विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं।
सबसे ज्यादा समस्या देहात क्षेत्रों में
बताया जा रहा है कि बिजली गुल की ज्यादा देहात क्षेत्रों में है। स्थानीय विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर के कमजोर होने के कारण पर्याप्त बिजली मौजूद होने के बावजूद उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग और बिजली कटौती जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बिजली अधिकारियों का दावा है कि कुछ क्षेत्रों में बिजली कटौती की अधिक शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिसे दूर करने के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है।