Uttar Pradesh Noida News: नोएडा अथॉरिटी की 3.90 करोड़ की एफडी ट्रांसफर मामले में पुलिस ने ‘नटवरलाल’ को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पकड़ा गया आरोपी बैंक का कर्मचारी बनकर अथॉरिटी पहुंचा था। पकड़े गए आरोपी की पहचान एक इनामी आरोपी वरूण कुमार त्यागी के रूप में हुई है। आरोपी 25 हजार रुपये का इनामी है और उसे राम नगर एक्सटेंशन थाना मानसरोवर पार्क दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने खुद को इस फर्जीवाड़े में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद खुला मामला
पुलिस पूछताछ में वरूण कुमार त्यागी ने बताया कि बताया कि उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर नोएडा विकास प्राधिकरण की 200 करोड़ रुपये की फर्जी एफडी बनावाई। इसे नोएडा अथॉरिटी को दी। साथ ही एफडी के खाते में जमा 200 करोड़ रुपये को 3 तीन खातों में करीब 3.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया। जब 9 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर रहे थे बैंक को शक हो गया। उनके एक साथी अब्दुल को पुलिस ने पकड़ लिया। ये पैसा उनके साथियों ने दिल्ली से हवाला के जरिए कैश में लिया था।
इस तरह नोएडा अथॉरिटी को लगाया चूना
नोएडा अथॉरिटी ने बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर-62 को 200 करोड़ रुपए की एफडी करने को दी। इस संबंध 21 जून 2023 को बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोलने के लिए एक पत्र बैंक भेजा गया। बैंक ने 23 जून को खाता खोला और जानकारी अथॉरिटी को दी। 26 जून 2023 को एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 और इंडियन बैंक सेक्टर-61 के खातों से 100-100 करोड़ यानी कुल 200 करोड़ रुपए बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर किए गए। साथ ही बैंक प्रबंधक से एफडी बनाने को कहा गया। बैंक ने 100-100 करोड़ की दो एफडी 26 जून 2023 को बना दी।
बैंक ने 9 करोड़ कराए फ्रीज
3 जुलाई 2023 को बैंक ऑफ इंडिया शाखा सेक्टर-62 द्वारा दिए गए एफडी की पुष्टि करने के लिये अथॉरिटी का कर्मी बैंक शाखा गया। यहां पता चला कि बैंक द्वारा 200 करोड़ की कोई एफडी नहीं की गई। बल्कि उस खाते से 30 जून 2023 को 3.90 करोड़ किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। साथ ही 9 करोड़ रुपए और ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। शिकायत मिलते ही बैंक ने ट्रांसफर किए जाने वाले 9 करोड़ के ट्रांजैक्शन को फ्रीज कर दिया। पुलिस को शिकायत की गई।
100-100 करोड़ की एफडी मिली फर्जी
पुलिस जांच में बहुत से फर्जी हस्ताक्षर किए गए पत्र मिले। साथ ही जो बैंक के द्वारा दी गई 100-100 करोड़ की एफडी भी फर्जी मिली। ये भी पता चला कि बैंक में अथॉरिटी द्वारा खोले गये खाते को अब्दुल खादर नामक व्यक्ति द्वारा संचालित किया गया। जांच में सामने आया कि अथॉरिटी द्वारा एफडी कराने के लिए भेजा गया पत्र बैंक ऑफ इंडिया मिला ही नहीं। क्योंकि इसे जालसाजी के लिए बदल दिया गया। इस पूरी साजिश का कर्ता धरता मन्नू भोला था। जिसके 2024 में गिरफ्तार किया गया था।
अथॉरिटी अधिकारियों की भी हो रही जांच
इस संबंध में पुलिस का कहना है कि नोएडा अथॉरिटी से धोखाधड़ी मामले में अब तक नौ लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है। इस पूरे मामले का मास्टमाइंड मन्नू भोला है। इस मामले में अब तक अब्दुल खादर, राजेश पाण्डेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, मन्नू भोला, त्रिदिब दास, राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा और अजय कुमार पटेल की पूर्व में गिरफ्तारी की जा चुकी है। इस मामले में अभी जांच चल रही है। सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के भी कुछ अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।