Greater Noida News: भारत में निर्माण क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अहम भूमिका निभाई है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला बड़ा प्रोजेक्ट बन गया है, जिसमें नवीन स्विस तकनीक से विकसित लाइमस्टोन कैल्साइंड क्ले (एलसी3) सीमेंट का उपयोग किया गया है. इस परियोजना के जरिए न सिर्फ कार्बन यूज में 40 फीसद तक की कटौती हुई है बल्कि निर्माण लागत में भी लगभग 25 फीसद की कमी दर्ज की गई है.
स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख कर रही है निर्माण
एयरपोर्ट का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा किया गया है, जिसने इसे स्विस तकनीक और भारतीय संस्कृति का आदर्श संयोजन बताते हुए अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है. एलसी3 सीमेंट के उपयोग ने इस परियोजना को विशेष पहचान दिलाई है.
क्या है एलसी3 सीमेंट की खासियत?
एलसी3 सीमेंट पोर्टलैंड सीमेंट की तुलना में अधिक टिकाऊ है, इसके निर्माण में कम तापमान (लगभग 800°सी) की आवश्यकता होती है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है. वहीं पोर्टलैंड सीमेंट के लिए 1450°सी तापमान की जरूरत होती है. इस तकनीक में ग्रेड लाइमस्टोन और क्ले का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कच्चे माल पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है. यह सीमेंट पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है.
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भारत और स्विट्जरलैंड का तकनीकी सहयोग
एलसी3 सीमेंट तकनीक को विकसित करने में भारत के आईआईटी मद्रास और आईआईटी दिल्ली की अहम भूमिका रही है. इसके अतिरिक्त स्विस डेवलपमेंट कोऑपरेशन, ईकोल पॉलीटेक्निक फेडरेल डी लोजान (स्विट्जरलैंड) टेक्नोलॉजी एंड एक्शन फॉर रूरल एडवांसमेंट और क्यूबा की यूनिवर्सिदाद डे लास विलास के विशेषज्ञों ने भी इस परियोजना में योगदान दिया है.
स्विट्जरलैंड दूतावास के प्रतिनिधि रहे मौजूद
एलसी3 तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ाने और देशभर की सीमेंट निर्माता कंपनियों को इसके उपयोग हेतु प्रेरित करने के लिए नोएडा एयरपोर्ट पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर स्विट्जरलैंड दूतावास के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. कार्यक्रम में तकनीकी विशेषज्ञों ने एलसी3 सीमेंट की कार्यक्षमता, पर्यावरणीय लाभ और लागत-कटौती संबंधी विशेषताओं की विस्तृत जानकारी साझा की.
पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का उदाहरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत की बढ़ती बुनियादी ढांचे की जरूरतों का प्रतीक है. यह हरित निर्माण की दिशा में भी एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया है. एलसी3 सीमेंट का प्रयोग भविष्य के निर्माण कार्यों के लिए एक नया वरदान है. देश को अपने नेट-जीरो कार्बन यूज लक्ष्यों को हासिल करने में भी मदद मिलेगी.
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