Noida Police Raid Bhole Baba Ashram: यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 123 हो गया है। इनमें 113 महिलाएं, 7 बच्चे और 3 पुरुष शामिल हैं। हादसे के 48 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली है। पुलिस अभी तक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस ने देर रात मैनपुरी, ग्वालियर, कानपुर, हाथरस, नोएडा समेत 8 ठिकानों पर छापा मारा।
इस बीच नोएडा पुलिस की एक टीम सेक्टर 87 स्थित भोले बाबा के आश्रम पहुंची। लेकिन पुलिस को यहां भी कुछ नहीं मिला। न्यूज 24 ने यूपी पुलिस के अधिकारी जो बाबा के आश्रम में आए थे उनसे बात की। पहले तो अधिकारी ने कैमरे पर बोलने से इंकार कर दिया कि ये भोले बाबा का आश्रम है लेकिन जब रिपोर्टर ने जोर देकर पूछा तो उन्होंने बताया कि यह नारायण साकार उर्फ भोले बाबा का आश्रम है और यहां जांच के लिए आए थे लेकिन वो फिलहाल यहां नहीं है। वहीं एक स्थानीय युवक ने न्यूज 24 को एक्सलूसिव जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा स्थित आलीशान आश्रम के बाहर सत्संग वाले दिन मुख्य गेट पर भोले बाबा की तस्वीर लगाई गई थी। उसे भी घटना के बाद हटा दिया गया है।
नोएडा स्थित साकार हरि के आश्रम पहुंची पुलिस लौटी बेरंग। pic.twitter.com/mKgJessqlB
— Rakesh chaudhari (@Rakeshchau58578) July 4, 2024
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बाबा को लेकर लोगों में अंधविश्वास
वहीं हादसे के बाद से ही लोग बाबा से जुड़े कई खुलासे कर रहे हैं। कासगंज में बाबा के आश्रम में एक जादुई हैंडपंप है। लोगों में अंधविश्वास इस कद्र है कि इससे सारी बीमारियां दूर हो जाती है। ये बात न्यूज 24 को हाथरस के लोगों ने बताई है। वहीं बाबा के भक्तों ने कहा कि जो हादसा हुआ उसके बाद दोषियों को सजा हो। इस बीच पुलिस ने इस मामले में 2 दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। सभी लोगों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी है। इसके साथ ही पुलिस 100 से अधिक लोगों की काॅल डिटेल भी खंगाल रही है।
स्थानियों लोगों ने बताया नोएडा स्थित बाबा के आश्रम का सच। pic.twitter.com/u076AUjoPR
— Rakesh chaudhari (@Rakeshchau58578) July 4, 2024
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योगी सरकार ने जांच के लिए बनाई SIT
बता दें कि योगी सरकार ने हादसे की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। इसके अलावा दो रिटायर्ड अधिकारी भी इस आयोग के सदस्य हैं। जाचं के लिए बनी यह एसआईटी 2 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए भी सुझाव दिए जाएंगे।