Bulandshahr: Shahnawaz Chaudhary: नई आबकारी नीति से योगी सरकार ने सिर्फ शराब की दुकानों के आवंटन की रजिस्ट्रेशन फीस से अपना खजाना भर लिया। यूपी सरकार ने स्टेट के सभी 75 जिलों से 22.65 अरब रुपये की वसूली सिर्फ पंजीकरण फीस वसूली है। बात अगर बुलंदशहर की करें तो यहां शराब की कुल 420 दुकानें हैं, जिनमें 413 दुकानों का आवंटन किया जा चुका है। 7 दुकानों का आवंटन होना बाकी है। बुलंदशहर में आबकारी विभाग को 420 दुकानों के सापेक्ष्य 4 हजार 385 आवेदन मिले। सरकार ने देशी, अंग्रेजी, मॉडल शॉप और भांग की दुकानों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस अलग-अलग तय की। ये फीस रिफंडेबल नहीं थी। कुल पंजीकरण से आबकारी विभाग ने 23.41 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।
देशी, अंग्रेजी और मॉडल शॉप की फीस अलग
जिला आबकारी अधिकारी बुलंदशहर राजेन्द्र कुमार ने बताया कि गांव की देशी शराब की दुकान की रजिस्ट्रेशन फीस 40 हजार, नगर पंचायत की देशी दुकान की फीस 45 हजार, नगर पालिका में देशी दुकान की फीस 50 हजार, नगर निगम में देशी दुकान की फीस 60 हजार, महानगर या औद्योगिक क्षेत्र में देशी दुकान की फीस 90 हजार तय की गई थी। इसी तरह अंग्रेजी शराब की गांव में 55 हजार, नगर पंचायत में 65 हजार, नगर पालिका में 75 हजार, नगर निगम क्षेत्र में 85 हजार और महानगर/औद्योगिक क्षेत्र में 90 हजार फीस थी। मॉडल शॉप की ग्रामीण क्षेत्र की फीस 60 हजार, नगर पंचायत क्षेत्र में 70 हजार, नगर पालिका क्षेत्र में 80 हजार, निगम क्षेत्र में 90 हजार, औद्योगिक और महानगर क्षेत्र में एक लाख रुपये फीस की वसूली सरकार ने की। भांग की दुकान की फीस 25 हजार रुपये थी जो सभी क्षेत्रों में एक समान थी। फीस निर्धारण के आधार पर योगी सरकार ने प्रदेश के 75 जनपदों में 22 अरब 65 करोड़ की वसूली योगी सरकार ने की।
बुलंदशहर में दुकानवार पंजीकरण
बुलंदशहर में देशी मदिरा की 230 दुकानों के लिए 2143 आवेदन और 9 करोड़ 19 लाख रुपये फीस मिली। अंग्रेजी शराब की 168 दुकानों के लिए 2107 पंजीकरण करने वाले व्यापारियों से 13 करोड़ 36 लाख रुपये जमा कराए गए। 8 मॉडल शॉप के लिए 93 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किए थे, जिनसे 74 लाख 40 हजार की फीस वसूली गई। भांग की 14 दुकानों के लिए रजिस्टर्ड 42 व्यापारियों से 10 लाख 50 हजार रुपये की वसूली सरकार ने पंजीकरण फीस के रूप में की है। बुलंदशहर में कुल 420 दुकानों के लिए 4385 व्यापारियों ने 23 करोड़ 41 लाख की फीस वसूली की है।
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व्यापारियों को हुआ भारी नुकसान
व्यापारियों ने इस उम्मीद के साथ पंजीकरण कराया था कि उनको लॉटरी सिस्टम से शराब की दुकान मिल जाएगी और उनका काम-धंधा चल जाएगा। एक-एक व्यापारी ने 15-15 दुकानों पर पंजीकरण कराया था, लेकिन लॉटरी में उनकी एक भी दुकान नहीं निकली। ऐसे में शराब के व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।
रिफंडेबल नहीं थी पंजीकरण फीस
जिला आबकारी अधिकारी राजेन्द्र कुमार ने बताया कि पंजीकरण फीस रिफंडेबल नहीं थी। इसलिए फीस की इस रकम को सरकारी खजाने में जमा कराया गया है। बुलंदशहर में 23 करोड़ 41 लाख 74 हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए हैं।