Meerut Masjid Social Media Video : उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मस्जिद रातोंरात गायब हो गई। सड़क किनारे खड़ी मस्जिद रात में गायब हुई और सुबह उस जगह से गाड़ियां दौड़ने लगीं। इस मस्जिद को रात में ढहा दिया गया और रात में मलवा भी साफ कर दिया है। सोशल मीडिया पर मस्जिद गिराए जाने का वीडियो वायरल हो रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों ढहा दी गई ये मस्जिद?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारी लंबे समय से मस्जिद हटाने की मांग कर रहे थे। अधिकारियों का कहना था कि मस्जिद रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में बाधा बन रही थी। कई घंटे चली बैठक के बाद मुस्लिम पक्ष ने सहमति जताते हुए खुद ही मस्जिद हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस मस्जिद को गिराने की तारीख शुक्रवार को तय की गई थी लेकिन जुमे की नमाज के चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दिन का समय मांगा था, जिसके बाद प्रशासन ने इसकी इजाजत दे दी।
168 साल पुरानी थी मस्जिद
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुद ही मस्जिद को गिरा दिया। रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के चलते 168 साल पुरानी इस मस्जिद को तोड़ा गया। मस्जिद प्रबंधन ने मस्जिद हटाने पर सहमति जताई थी और मांग की थी कि उन्हें इसके बदले दूसरी जगह पर मस्जिद या जमीन दी जाए।
#मेरठ के दिल्ली रोड पर 168 साल पुरानी ऐतिहासिक छोटी मस्जिद अब इतिहास बन गयी है.
---विज्ञापन---बीती रात इस मस्जिद को बुलडोजर से ढहा दिया गया. यह मस्जिद दिल्ली रोड पर सर्विस लेन पर थी. रैपिड रेल बनने के बाद सर्विसलेन को चौड़ी करना जरूरी हो गया था. दो दिन पहले बिजली काटी गयी और बीती रात मस्जिद… pic.twitter.com/q1Slspby99
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) February 22, 2025
मस्जिद के हाजी स्वालेहीन ने बताया कि हम खुद से ही मस्जिद हटा रहे हैं। हमारे पास 1857 के दस्तावेज हैं जो यह साबित करते हैं कि यह ऐतिहासिक है। हम चाहते हैं कि प्रशासन हमें इसके बदले दूसरी जगह मस्जिद दें या फिर वैकल्पिक जमीन मुहैया कराए। वहीं प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।
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क्या है वीडियो में?
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बुलडोजर से इस मस्जिद को तोड़ दिया गया। मस्जिद के मलवे को रात में ही हटा दिया गया। मस्जिद के मुख्य द्वार से गेट पहले ही हटवा दिया गया था और बिजली कनेक्शन भी काट दिया गया था। कमेटी प्रबंधन ने मान जाने के बाद सुबह से ही मस्जिद में हथौड़ा चलवाना शुरू कर दिया था।